( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
रोहतक। हरियाणा रोहतक पीजीआई में कोवैक्सीन चरण का ह्यूमन ट्रायल लगभग पूरा हो गया है। रोहतक पीजीआई में सभी 80 वालिंटियर्स के सैम्पल 28 अगस्त तक ले लिए जायेंगे ,जिन्हे जाँच भेजा जायेगा। जिससे पता चलेगा कि वालिंटियर्स के शरीर कितनी मात्रा में एंटीबॉडी बने है और इसके बाद ही दूसरे चरण की शुरुआत की जाएगी। आपको बता कि देश के 12 मेडिकल संस्थानों में 375 वॉलिंटियर्स पर कोवैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है, जिसमें 20 फ़ीसदी से ज्यादा अकेले रोहतक पीजीआई में रजिस्टर्ड है। यहां पर सभी वैलेंटी और स्कोर कोवैक्सिन की दूसरी डोज भी दी जा चुकी है, अब सभी वॉलिंटियर्स के ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं।
सितंबर के पहले सप्ताह में आएगी रिपोर्ट
हेल्थ यूनिवर्सिटी के वीसी डॉक्टर ओपी कालरा ने एक टीवी इंटरव्यू में बताया कि पीजीआई रोहतक में को वैक्सीन का प्रथम चरण लगभग पूरा हो चुका है। सितंबर के पहले सप्ताह में एंटीबॉडीज की रिपोर्ट आएगी कि को वैक्सीन कितनी कारगर रही है और वॉलिंटियर्स को पहले 3 एमजी की डोज दी गई है उसका कितना असर हुआ और उसके 14 दिन बाद 6 एमजी की जो दूसरी डोज दी गई है, वह कितनी कारगर रही है. इनके रिजल्ट आने के बाद ही दूसरा चरण शुरू होगा और उसी में यह तय होगा की सेकंड फेज के वॉलिंटियर्स को 3 एमजी की डोज दी जाए या 6 एमजी की।
प्रथम चरण में थे ये तीन प्रमुख उद्देश्य
डा. कालरा ने बताया कि प्रथम चरण के हमारे तीन प्रमुख उद्देश्य थे। जिनमें सबसे पहले की वैक्सीन कितनी सुरक्षित है। डोज कितनी असरदार है और 14 दिन और 28 दिन में कितने एंटीबॉडीज बनते हैं, ताकि उसके असर का पता लग सके। अब पूरे देश भर से डाटा एकत्रित किया जा रहा है और सितंबर के प्रथम सप्ताह में हमारे सामने रिजल्ट आने की उम्मीद है।
पीजीआई को मिली एक बड़ी जिम्मेदारी
कोवैक्सीन के ट्रायल के साथ साथ रोहतक पीजीआई को एक बड़ी जिम्मेदारी भी मिली है। डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी ऑफ इंडिया की तरफ से 86 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं और यहां पर हेपेटाइटिस सी की दवा के प्रयोग की परमिशन दी गई है। ईरान में कोरोना मरीजों पर इस दवा के काफी अच्छे नतीजे आए हैं, जिसका ट्रायल अब रोहतक पीजीआई में शुरू किया जा रहा है।
175 मरीजों पर होंगे ये ट्रायल
ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया, एथिकल कमेटी और ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ इंडिया की तरफ से भी मंजूरी मिल गई है । पीजीआई में 175 मरीजों पर यह ट्रायल होंगे और इन सभी मरीजों को तीन ग्रुप में बांटा जाएगा, इसके बाद इनके रिजल्ट देखे जाएंगे । उन्होंने बताया कि हमारे यहां साढे 3 हजार मरीज हेपेटाइटिस सी के रजिस्टर्ड हैं । उनके सर्वे में भी हमें पता लगा है कि इन पेशेंट पर कोरोनावायरस का असर दिखाई नहीं दिया, जिससे उम्मीद है कि शायद यह दवा भी कारगर होगी । अगले 2 सप्ताह में यह स्टडी शुरू कर दी जाएगी ।