( सुनील तनेजा )
अलवर। राजस्थान के अलवर में गैंगरेप की शिकार एक मुक बधिर बच्ची को जयपुर के साथ डॉक्टरों की टीम ने आठ घंटे तक ऑपरेशन कर के बचा लिया है। मगर 16 साल की नाबालिग के साथ जिस तरह से बलात्कार हुआ, ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर भी उस दरिंदगी को देखकर कांप उठे। न केवल गैंगरेप किया गया था बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट्स को नुकीली चीज से वार कर जख्मी कर दिया गया था। प्राइवेट पार्ट में नुकीली चीज डाली गयी थी जिससे उसका प्राईवेट पार्ट और मलद्वार एक हो गए थे। मंगलवार की रात अलवर में डॉक्टरों ने खून रोकने की बहुत कोशिश की मगर रक्तस्राव नहीं रुका तो घायलावस्था में किशोरी को जयपुर लाया गया। यहां पर डॉक्टरों का कहना है कि अब वह खतरे से बाहर है। इधर, दो दिनों बाद भी अपराधी पकड़े नहीं गए हैं। पुलिस का कहना है कि 25 किलोमीटर के दायरे में 300 से ज्यादा CCTV फ़ुटेज खंगाले गए हैं, मगर अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है कि आखिर एक मूक बधिर बच्ची कैसे दरिंदों के हाथ लगी थी। इस पीड़ित बच्ची के माता पिता मजदूर हैं. पीड़िता के अलावा उनकी एक बेटी और एक बेटा और हैं। पीड़िता को आखिरी बार लोगों ने 12 बजे देखा था जब वह खेत के रास्ते सड़क पर जा रही थी। उसके बाद वह लहूलुहान हालत में ओवर ब्रिज के नीचे मिली। जयपुर से FSL की टीम अलवर में कैंप किए हुए है। असिस्टेंट डायरेक्टर राजेश सिंह ने बताया कि रेप के बाद ओवर ब्रिज पर गाड़ी रोककर लड़की को वहां से नीचे फेंक दिया गया था। बच्ची का इलाज कर रहे JK लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अरविंद शुक्ला ने कहा कि अब वह खतरे से बाहर है, मगर डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी कर रही है। बच्ची की हालत जानने पहुंची राजस्थान के महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने भरोसा दिलाया कि अपराधी जल्दी पकड़े जाएंगे साथ ही उन्होंने पीड़िता के लिए छह लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया, जिसमें पांच लाख रुपये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से मुआवजा दिया गया है जबकि एक लाख रुपया महिला विकास मंत्रालय की तरफ से दिया गया है। अलवर से आने वाले सामाजिक न्याय मंत्री टीकाराम जूली ने भी अलवर में परिजनों को साढ़े 3 लाख रुपया की आर्थिक सहायता दी।