( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
पिथौरागढ़। उत्तराखण्ड में चुनावी बिगुल बज चूका है। सभी राजनैतिक पार्टियां इस वक्त अपने – अपने प्रत्यासियों की लिस्ट फ़ाइनल करने में लगी हुई है। आप ने अपने प्रत्यासियों पहली लिस्ट जारी कर दी है। भाजपा और कांग्रेस अपने – अपने प्रत्यासियों की लिस्ट फ़ाइनल करने में जहा लगे हुआ है। इस बीच सभी निगाहें पूर्व सीएम पर लगी हुई है वह कहा से चुनाव लड़ेंगे।
कांग्रेस कैम्पेन कमेटी के चेयरमैन और पूर्व CM हरीश रावत संभवतः डीडीहाट विधानसभा सीटसे चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। असल में यह चर्चा इसलिए जोर पकड़ रही है कि कांग्रेस से डीडीहाट सीट पर सभी दावेदारों को रावत के पक्ष में प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। नाम न छापने की शर्त पर एक दावेदार ने बताया कि सभी सात दावेदारों में से कैम्पेन कमेटी के चेयरमैन हरीश रावतके पक्ष में प्रस्ताव हाईकमान को भेजने के लिए कहा गया है। कांग्रेस से डीडीहाट सीट पर 7 नेताओं ने अभी तक दावेदारी जताई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सातों दावेदार 11 जनवरी को पिथौरागढ़ में बैठक कर प्रस्ताव तैयार करेंगे।
आपको बता दे कि डीडीहाट विधानसभा में 25 सालों से बीजेपी के कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता बिशन सिंह चुफाल जीतते रहे हैं। उत्तराखंड बनने के बाद कांग्रेस को डीडीहाट में कभी भी जीत नसीब नहीं हुई है। कांग्रेस से यहां अंतिम बार 1992 में लीला राम शर्मा ने जीत दर्ज की थी।
अगर हरीश रावत डीडीहाट से मैदान में उतरते हैं तो इस सीट पर रोचक मुकाबला देखने मिल सकता है। यही नहीं अब तक अजेय रहे बिशन सिंह चुफाल को भी कड़ी टक्कर मिल सकती है। असल में इस सीट पर कांग्रेस में काफी धड़ेबाजी है, लेकिन हरीश रावत के मैदान में आने पर सभी गुटों की एकजुट होने की पूरी उम्मीद है।
हरीश रावत ने बीते साल चुनाव लड़ने के बजाय लड़वाने की बात कही थी, लेकिन चुनाव आते-आते उनके सुर बदल रहे हैं. माना जा रहा है कि अगर उत्तराखंड में कांग्रेस बहुमत का आंकड़ा पार लेती है तो, पार्टी के भीतर से सिर्फ विधायकों में से सीएम बनाने की मांग भी उठ सकती है, जिससे रावत के मुख्यमंत्री बनने में दिक्कत आ सकती है ।
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