( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
उत्तरकाशी। उत्तराखण्ड में पुरोला के भाजपा विधायक द्वारा SDM को धमकी दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। SDM ने ठाणे में शिकायत दर्ज करने की मांग करते हुए भाजपा विधायक से अपनी जान को खतरा बताया है।
जानकारी के अनुसार उपजिलाधिकारी पुरोला सोहन सिंह सैनी ने अपने पत्र में बताया कि 21 मई को नगर पंचायत पुरोला द्वारा निकाय क्षेत्रार्न्तगत अवैध अतिक्रमण हटवाया गया। इसके अतिरिक्त विधायक द्वारा उसी दिन रात लगभग 10.00 बजे उन्हें पुरोला स्थित विश्राम गृह बुलाया। हालांकि रात ज्यादा होने का हवाला देते हुए मेरे द्वारा असमर्थता व्यक्त की गई। उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वस्त सूत्रों से पता चला था कि विधायक और उनके राजनीतिक मित्र मेरे साथ किसी प्रकार की अभद्र भाषा का प्रयोग कर बदतमीजी कर सकते हैं ,फिर भी अगली रारिख को सुबह विधायक से मिलने गया तो उन्होंने मुझे विश्राम गृह की जगह मुख्य बाजार में ही मिलने को कहा। ’
SDM ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि जब वह 22 मई को मुख्य बाजार पहुंचे तो पुरोला के विधायक दुर्गेश्वर लाल और उनके समर्थकों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और अभद्र भाषा का प्रयोग कर नोंक-झोंक की गई। एसडीएम ने आरोप लगाया कि विधायक समय-समय पर अपनी विधायकी का धौंस दिखाते हुए कार्यालय में अवैध कार्य करवाने का अनावश्यक दबाब बनाते रहते हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि विधायक स्तर से मेरी हत्या करवाए जाने तथा एससी/एसटी एक्ट के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज करवाए जाने जैसी कई प्रकार की धमकियां भी मिल रही हैं। उन्होंने कहा, ‘चूंकि पूर्व में परगना पुरोला क्षेत्रार्न्तगत उप जिलाधिकारी आवास जैसे स्थानों में आगजनी जैसी घटनाएं घटित हो चुकी हैं तथा मेरे पूर्ववर्ती उप जिलाधिकारियों के साथ विभिन्न प्रकार की घटनाऐं भी घटित हुई है, जिसे देखते हुए भविष्य में अगर मेरे साथ किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल की रहेगी। ’
आरोपों पर क्या कहते हैं बीजेपी विधायक
वहीं पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल से जब इस संबंध में संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वह जानता के सेवक है जनता के प्रति उनकी जवाबदारी है, लेकिन एसडीएम ने अपने कृत्य को छुपाने के लिए उनके ऊपर बेवजह गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने बताया कि शनिवार को एसडीएम सरकारी वाहन पर जनपद से बाहर जा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि एसडीएम हर बार की बिना बताए ही सरकारी वाहन लेकर अपने घर चले जाते है। मेरे द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में यह मामला लाए जाने के बाद एसडीएम पुरोला को आधे रास्ते से वापस आना पड़ा। उन्होंने इस दौरान अपने बचाव के लिए एक चालान भी काटा। इसी के चलते एसडीएम ने उनके खिलाफ तहरीर दी है।