( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
धार। दूसरे कोरोना काल में बड़ौदा के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान चिकित्सकों द्वारा 40 वर्षीय एक युवक को मृत घोषित कर उसका वहीं अंतिम संस्कार कर दिया। किंतु ठीक दो साल बाद अचानक मृतक के जीवित घर लौटने पर स्वजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हांलाकि इस दौरान वह किसी गिरोह के द्वारा बंधक बनाकर प्रताड़ित किए जाने की बात कह रहा है। जैसे ही मौका मिला वह वहां बदमाशों के चंगुल से भागकर शुक्रवार रात उसके मामा के घर अपने ही जिले के सरदारपुर तहसील में पहुंच गया। वहां पुलिस को सूचना दी। अब उसे कानवन थाने लाया जा रहा है।
कोविड टीम ने कर दिया था अंतिम संस्कार
ग्राम कड़ोदकला निवासी कमलेश पुत्र गेंदालाल पाटीदार मंत्री को साल 2021 में कोरोना हो गया था। कोरोना के उपचार के लिए उसे बड़ौदा के निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान डाक्टरों ने कमलेश को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल की सूचना पर स्वजन अस्पताल पहुंचे। किंतु कोरोना पाजीटीव होने से स्वजनों को मृतक का शव दूर से ही दिखाया था। पोलीथीन में लिपटी देह को पुष्टी के साथ पहचानना संभव नहीं था। किंतु चिकित्सकों के कहने पर स्वजनों ने उसे कमलेश ही मान लिया। संक्रमित होने की मृत्यु होने पर शव स्वजनों को ना देते हुए बड़ौदा में ही कोविड टीम ने अंतिम संस्कार कर दिया।