( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून / चमोली। कोरोना महामारी की कमी के बीच एक बार फिर से उत्तराखण्ड का पर्यटन का कारोबार घीरे – घीरे पटरी पर लौटने लगी है। 2019 और 2020 में पूर्ण तरीके से ठप्प पड़ चुका पर्यटन व्यवसाय 2021 और 2022 में बढ़ता दिख रहा है।
पर्यटकों की बढ़ती आमद से पहाड़ के कारोबारियों में एक नई उम्मीद नई रोशनी दिखाई देने लगी है। जोशीमठ का औली इलाका बर्फबारी के बाद पर्यटकों से गुलजार है। यहां काफी रौनक बढ़ गई है।
रोपवे प्रोजेक्ट मैनेजर दिनेश भट्ट कहते हैं कि इस वर्ष रोपवे और चेयरकार से लगभग 43 से 45 हजार सैलानी 3 माह में औली पहुंचे। इससे जीएमवीएन को रोपवे और चेयरकार से 3 करोड़ 50 लाख की आय प्राप्त हुई है। इसके अलावा औली मैं सड़क मार्ग से लगभग 30,000 पर्यटक दिसंबर, जनवरी और फरवरी में पहुंचे हैं।
विंटर सीजन में पर्यटकों की बढ़ती संख्या से कारोबारियों में एक उम्मीद जग गई है। अब चारों धाम की यात्रा पर सबकी नजर है, जो मई से शुरू हो रही है। अगर चार धाम की यात्रा सुचारू तरीके से चलती है तो कोरोना मैं जो नुकसान पर्यटन व्यवसाय को हुआ था उसकी भरपाई की उम्मीद जग जाएगी। बद्रीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर सबकी नजर है।
बर्फबारी से पर्यटकों को समस्याएं
पर्यटन कारोबार में जरूर बढ़ोतरी हुई लेकिन प्रशासन की व्यवस्थाओं की कमियां भी पर्यटकों को झेलनी पड़ी। विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल औली में बर्फबारी के बाद पर्यटकों को काफी समस्याओं का सामना भी करना पड़ा। सड़क मार्ग बाधित होने से पर्यटक परेशान रहे , साथ ही बिजली की समस्याएं भी निरंतर इस वर्ष देखी गईं।