( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखंड राज्य के पुलिस महानिदेशक की जिम्मेदारी मिलने के तत्काल बाद अभिनव कुमार ने अपनी प्राथमिकता बताई हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अपेक्षाकृत शांत प्रदेश है।
बेहतर कानून व्यवस्था प्रदेश की पहचान है, इसलिए कानून व्यवस्था के मोर्चे पर कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। नवनियुक्त प्रभारी DGP अभिनव कुमार ने कहा कि पुलिस फोर्स अपराधियों के प्रति सख्ती से पेश आएगी। दूसरी तरफ आम लोगों के प्रति पुलिस ज्यादा मित्रवत व्यवहार करेगी। स्थानीय लोगों के साथ ही उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों, तीर्थयात्रियों के प्रति पुलिस एक सहयोगी के रूप में पेश आएगी। इसके अलावा रोजमर्रा के काम में भी पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आएगा।
अभिनव कुमार ने कहा कि वो पुलिस के संसाधन और सुविधा बढ़ाने के लिए भी प्रयास करेंगे। इसके लिए पहले से ही कई प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही पुलिस जांच, अभियोजन जैसी प्रक्रिया को ज्यादा प्रभावी बनाया जाएगा।
आगे जानिए उनके बारे में कुछ खास बातें-
आईपीएस अभिनव कुमार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले हैं। वो 1996 आईपीएस कैडर बैच के अफसर हैं। साल 1997 में उन्होंने उत्तराखंड कैडर आईपीएस को चुना। उन्होंने देहरादून में कप्तान की जिम्मेदारी भी निभाई। उत्तराखंड के इस पुलिस अफसर को उनकी ईमानदारी और बेबाक अंदाज के लिए जाना जाता है।
उत्तराखंड के सबसे तेज तरार आईपीएस माने जाने वाले अभिनव कुमार का अपराधियों में आज भी खौफ है। उनके 2004 से 2007 तक हरिद्वार एसएसपी रहते हुए 12 इनामी व कुख्यात बदमाशों के एकाउंटर हुए। जबकि कई नामी बदमाशों को जेल भी भेजा गया। अभिनव कुमार के समय में ही दो लाख के इनामी कुख्यात अंग्रेज सिंह को नागपुर में मार गिराया गया था। अभिनव कुमार के समय में हरिद्वार एसओजी का पश्चिमी यूपी के बदमाशों व मुंबई अंडरवर्ल्ड सहित आसपास के कई इलाकों में खौफ था। अभिनव कुमार वर्ष 2003-05 में हरिद्वार के पुलिस कप्तान भी रह चुके हैं।इस दौरान उनकी तत्कालीन जिलाधिकारी आरके सुधांशु से जबरदस्त जुगलबंदी रही। हरिद्वार में अनियंत्रित होते कांवड़ मेले में सुधार की कोशिशें इसी वक्त से शुरू हुई।IPS Abhinav Kumar के कार्यकाल में हरिद्वार में करोड़ों की इलाहाबाद बैंक डकैती के मुख्य आरोपी टीपू यादव को भी पुलिस कस्टडी से भागते वक्त पुलिस ने मार गिराया था।
अभिनव कुमार आईजी गढ़वाल के पद पर भी रहे। इसके अलावा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआरपीएफ में भी उन्होंने सेवाएं दी।तेजतर्रार अधिकारी माने जाने वाले अभिनव कुमार का सत्यमेव जयते में प्रोग्राम भी काफी चर्चा में रहा । 2009 में अभिनव डीआईजी और 2014 में आईजी बने। आईपीएस अभिनव कुमार आईटीबीपी में जम्मू कश्मीर में तैनात रहे। जिस वक्त जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई गई तब घाटी में कमान उन्हीं के हाथ में थी। 1996 बैच के आईपीएस अभिनव कुमार की डीजीपी के लिए निर्धारित 30 वर्ष की सेवा अवधि का मानक पूरा नहीं था लेकिन शर्तों को यूपीएससी ने शिथिल करते हुए 25 वर्ष कर दिया तो अभिनव भी इस दायरे में आ गए।
अभिनव कुमार पुलिस सेवा से पूर्व पत्रकारिता में भी सक्रिय रहे। आईएएस लाबी से उनका सैद्धांतिक टकराव रहा। जिसको लेकर टाईम्स आफ इंडिया में लिखे उनके दो आर्टिकल ‘बाई द आईएएस फार द आईएएस ‘ और ‘द अदर कास्ट सर्विस ‘ काफी चर्चाओं में रहे।
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