( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून / नई दिल्ली। उत्तराखण्ड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की पार्टी के प्रति बढ़ती नाराज़गी क्या पार्टी से बिमुख तो नहीं कर देगी। इस वक्त राजनैतिक पार्टियों का चुनाव से पहले चुनावी अभियान जोरो पर है। ऐसे में उत्तराखण्ड में गांधी परिवार के करीबी कहे जाने वाले ब्राह्मण नेता किशोर उपाध्याय के कांग्रेस छोड़ने की पूरी सम्भावना नज़र आ रही है। पार्टी में उनकी नाराज़गी की बड़ी बजह कांग्रेस नेता और पूर्व CM हरीश रावत का उनके प्रति उदासीन रवैया बताया जा रहा है। एक तरफ उपाध्याय अब आलाकमान के रुख का इंतज़ार कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ कई पार्टियों के साथ मुलाकातें भी चल रही है।
सूत्रों की मानें तो भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से सोमवार देर रात देहरादून में उपाध्याय ने मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उपाध्याय को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। हालांकि पिछले कई दिनों से किशोर उपाध्याय अपने विधानसभा क्षेत्र टिहरी गढ़वाल में अपनी राजनीतिक सक्रियता बढ़ा चुके हैं और कई तरह के कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए अपनी चुनावी स्थिति को मज़बूत करने में जुटे हैं। अब उन्होंने खुलकर कांग्रेस से नाराज़गी का इज़हार कर दिया है और अन्य दलों से मुलाकात के बाद वह किसी बड़े फैसले पर पहुंच सकते हैं।
सोमवार भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री से मुलाकात पर किशोर ने खुद कहा कि राजनीति में चुनाव के वक्त मुलाकात और बातचीत का दौर चलता ही है। उन्होंने उत्तराखण्ड में वनाधिकार की वकालत की है और उसको लेकर आज भी अपनी बात पर अडिग है और वनाधिकार को लेकर किशोर विभिन्न पार्टियों के बड़े नेताओ से मुलाकात और चर्चा भी कर चुके है। किशोर का मानना है कि इस चुनाव में वनाधिकार एक बड़ा मुद्दा है।
कई पार्टियों से बातचीत कर रहे हैं उपाध्याय
बताया जा रहा है कि उपाध्याय भाजपा के अलावा सपा और तृणमूल कांग्रेस के सम्पर्क में भी हैं। हरीश रावत की तरफ से अनदेखी से नाराज़ चल रहे उपाध्याय फिलहाल कांग्रेस आलाकमान की मध्यस्थता का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन चुनावी हलचलों के दौर में स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस ने अगर जल्द ही इस तरफ कोई बीच बचाव नहीं किया तो पार्टी को एक बड़ा झटका लग सकता है।
बता दें कि उपाध्याय 2002 और 2007 में विधायक रह चुके हैं और 2014 से 2017 के बीच उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी। एनडी तिवारी सरकार में मंत्री भी रह चुके किशोर उपाध्याय को उत्तराखंड की राजनीति में अहम नेता के तौर पर देखा जाता है लेकिन पिछले कुछ समय से वह कांग्रेस के भीतर उपेक्षा के शिकार के तौर पर देखे जा रहे हैं। जिसका जिक्र वह कई बार कर भी चुके है।