( ज्ञान प्रकाश पाण्डेय / नवीन कुमार )
हरिद्वार। कावड़ मेला 2022 में आज पंचक ख़त्म होते ही कावड़ का जोर हरिद्वार में पकड़ने लगा है। वही जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने डायवर्जन का दूसरा चरण भी लागु कर दिया है। इसके बाद से हाइवे का बाया हिस्सा अब कावड़ियों के नाम कर दिया गया है। अर्थात आप यदि हाइवे के माध्यम से जाना चाहते है तो सिर्फ दाहिने हिस्से से है आना जाना करना पड़ेगा। वही मंगलवार को देखा जय तो पुलिस विभाग द्वारा दिए गए आकड़ो पर नज़र डेल तो 18 लाख कावड़ियों ने जल भर कर अपने – अपने स्थान को प्रस्थान किया है। जबकि अबतक 48 लाख 70 हज़ार कावड़ियों द्वारा गंगा जल भरकर अपने – अपने स्थान को प्रस्थान कर चुके है। मंगलवार को दिन में गर्मी और उमस से शिवभक्तों के कुम्हलाए चेहरे शाम को हुई झमाझम वर्षा से खिल उठे। चहुंओर बम-बम भोले के जयकारे लगते रहे।
हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाटों से लेकर मंदिर, बाजारों और पैदल मार्ग के अलावा हाईवे पर सिर्फ कांवड़ यात्री ही नजर आ रहे हैं। बुधवार दोपहर 12.50 पर पंचक खत्म होते ही धर्मनगरी में दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश आदि क्षेत्रों से शिवभक्तों का रेला उमड़ने की संभावना है। भीड़ के चलते प्रशासन ने हरिद्वार जिले में 20 जुलाई से हरिद्वार के तमाम स्कूल बंद करवा दिए गए है ,जिसके कारन बच्चो को किसी प्रकार की दिक्क्त ना हो।
इसके तहत दिल्ली-देहरादून हाईवे का आधा हिस्सा कांवड़ यात्रियों के हवाले कर दिया गया है। हालांकि, पैदल यात्री अभी भी कांवड़ पटरी मार्ग से गुजर रहे हैं। लेकिन बड़ी कांवड़ और डाक कांवड़ के लिए हाईवे का बायां हिस्सा छोड़ दिया गया है। हाईवे के दाहिने तरफ हरिद्वार आने और जाने वाले सामान्य यातायात को संचालित किया जा रहा है। पंचक खत्म होने पर अगले दो दिन में कांवड़ यात्रियों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी होनी तय है।
कांवड़ मेले में पिछले कुछ सालों से बड़ी और डाक कांवड़ आने का सिलसिला हर साल बढ़ रहा है। इस बार दो साल बाद आयोजित होने जा रहे कांवड़ मेले को लेकर शिवभक्तों में गजब का उत्साह है। यही वजह है कि कांवड़ मेले के पहले हफ्ते में ही डाक कांवड़ ने दस्तक दे दी है। इसलिए मंगलवार से यातायात डायवर्जन का दूसरा चरण लागू करते हुए हाईवे का बायीं तरफ का हिस्सा हरिद्वार जाने वाले डाक कांवड़ यात्रियों के हवाले कर दिया गया है। बायीं तरफ का मुख्य हाईवे और सर्विस लेन पर भी कांवड़ यात्री चल रहे हैं।
वहीं, पैदल कांवड़ यात्री नहर पटरी से ही गुजर रहे हैं। उनकी संख्या भी हर दिन बढ़ रही है। इस लिहाज से दिल्ली-देहरादून हाईवे की तीन लेन पर कांवड़ यात्री और एक लेन पर सामान्य यातायात संचालित किया जा रहा है। कांवड़ यात्रा के साथ-साथ आम यातायात भी बाधित न हो और शिवभक्तों व आम यात्रियों को कोई असुविधा न हो, इसलिए जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर यह व्यवस्था की गई है।
हाईवे के एक हिस्से में आम यात्रियों के हल्के वाहन आसानी से गुजर रहे हैं। पुलिस प्रशासन की सूझबूझ से यह व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि डाक कांवड़ की बढ़ती संख्या को देखते हुए हाईवे के एक हिस्से को पूरी तरह डाक कांवड़ यात्रियों को सौंप दिया गया है। पैदल कांवड़ यात्रियों को अभी नहर पटरी मार्ग से ही गुजारा जाएगा। कांवड़ यात्रियों की संख्या बढ़ने पर जरूरत के हिसाब से अगला चरण लागू किया जाएगा।
जबकि मुज्जफरनगर से आगे अभी भी कावड़िये उसी प्रकार से अपने गंतव्य स्थान को प्रस्थान कर रहे है। इस सबके वावजूद पुलिस प्रशासन द्वारा दिया जा अकड़ा कितना सही या गलत कि प्रतिदिन कभी 18 लाख तो किसी दिन 10 लाख तो किसी दिन 6 लाख तो किसी दिन 20 लाख कावड़ियों द्वारा जल भरना और अपने स्थान को प्रस्थान करने का अकड़ा समझ से परे है। क्योकि अभी मात्र छह दिनों में ही 48 लाख 70 हज़ार की संख्या पार कर जाना आकड़ो की कलाबाज़ी को अचम्भित करता है। यह हम नहीं कह रहे है बल्कि UP पुलिस के अधिकारी का ही कहना है।