( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
रुद्रप्रयाग। चारधाम यात्रा की तैयारियों आजकल जोरों पर है।CM धामी पिछले दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तैयारियों का जायजा लेते हुए जरुरी दिशा – निर्देश भी दिए थे। उधर कोरोना की पाबंदियां हटने के बाद लाखों श्रद्धालुओं के उत्तराखंड पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन रुद्रप्रयाग में बदरीनाथ और गौरीकुंड हाईवे पर इस बार भी सफर आसान नहीं होगा।
यहां एक दर्जन से ज्यादा स्लाइडिंग जोन हैं, जो कि हल्की बारिश होते ही यात्रियों के लिए मुसीबत का सबब बन जाते हैं। पहाड़ी से मलबे के साथ ही बोल्डरों की बरसात शुरू हो जाती है। जिससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है। हाईवे पर वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित होती है। पिछले 3 साल के आंकड़े देखें तो अब तक हाईवे पर स्लाइडिंग जोन में बोल्डर गिरने से 21लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। जबकि इस दौरान 4 दर्जन से ज्यादा वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिले में इन दिनों चारधाम परियोजना के तहत हाईवे के चौड़ीकरण का काम चल रहा है। जिससे पुराने स्लाइडिंग जोन एक्टिव हुए हैं साथ ही नए जोन भी बन गए हैं, जो कि बरसात आते ही आफत का सबब बन जाते हैं। चारधाम परियोजना के तहत रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक 70 किलोमीटर लंबे निर्माणाधीन गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर चौड़ीकरण कार्य के चलते पिछले 3 साल में कुल 1 दर्जन से ज्यादा डेंजर जोन विकसित हुए हैं। आगे जानिए कहां कहां डेंजर जोन हैं।
रुद्रप्रयाग से सोनप्रयाग के बीच रामपुर, नारायणकोटी, सिल्ली, सौड़ी, चंद्रापुरी, गबनी गांव, बांसवाड़ा, भीरी, मुनकटिया, बडासू, चंडिकाधार, सेमी और डोलिया मंदिर डेंजर जोन हैं। साल 2019 में फाटा के पास भूस्खलन के कारण एक जीप और दो मोटरसाइकिल मलबे में दफन हो गए थे। हादसे में छह लोगों की मौत हो गई थी। वहीं साल 2018 दिसंबर में बांसवाड़ा के आगे पहाड़ी से आए मलबे के नीचे 9 मजदूर दब गए थे, हादसे में सभी की जान चली गई थी। ऐसी कई घटनाओं के सामने आने के बाद भी सरकार ने सुध नहीं ली। नेशनल हाईवे पर डेंजर जोन के ट्रीटमेंट की बात पिछले एक साल से अधिक समय से कही जा रही है, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ। मामले को लेकर एनएच के अधिशासी अभियंता बलराम मिश्रा ने कहा कि बदरीनाथ व गौरीकुंड हाईवे पर डेंजर जोन का सर्वे हो चुका है। स्वीकृति मिलने के बाद स्लाइडिंग जोन का ट्रीटमेंट कार्य किया जाएगा।