( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की आचार्य पीठ पर पदस्थापन के दिव्य 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर श्री दत्त जयंती पर हरिहर आश्रम हरिद्वार में दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव का शुभारंभ आज से हो चुका है। इस “दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव” के प्रथम दिवस पर आज पूज्य “आचार्यश्री जी” की पावन उपस्थिति में पंचदेव महायज्ञ आरम्भ हुआ, जिसका शुभारम्भ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माननीय सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत जी ने अरणी मंथन के साथ किया। इस दिव्य अवसर पर प्रात: 9 बजे अग्नि का आह्वान करते हुए माननीय मोहन भागवत द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
इसके पश्चात प्रातः 10:00 बजे से श्री हरिहर आश्रम के मृत्युंजय मंडपम् में “वैदिक सनातन धर्म में समष्टि कल्याण के सूत्र” विषय पर “धर्मसभा” का आयोजन किया गया। इस धर्मसभा में दिव्य सन्तों के आशीर्वचन एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहनराव भागवत द्वारा ओजपूर्ण उद्बोधन किया गया। अपने उद्बोधन में उन्होंने समष्टि कल्याण के सूत्रों में माता पृथ्वी के रक्षण और संवर्द्धन, प्राकृतिक संसाधनों के विवेक पूर्ण उपभोग, सतत विकास की अवधारणा एवं दान और त्याग की प्रवृत्तियों जैसे कई दिव्य सूत्रों का अनावरण किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि ज्ञान आपके व्यवहार और चरित्र में अवतरित हो तभी आप समाज के लिए आदर्श बन पायेंगे।
गीता के ज्ञान की विवेचना करते हुए उन्होंने कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन (performing one’s duty without any attachment to result is the key happiness) जैसे अन्य दिव्य सूत्रों का रहस्योद्घाटन किया।
इस अवसर पर “आचार्य” जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज द्वारा रचित प्रभात प्रकाशन नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित चार पुस्तकें – स्तुति प्रकाश, स्तुति प्रवाह, Path to Divinity और Towards Perfection का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर सुलभ इंटरनेशनल के प्रमुख दिलीप पाठक को उनके द्वारा देश को स्वच्छ बनाने हेतु किए गए अद्वितीय प्रयास के लिए सम्मानित किया गया।
योगऋषि स्वामी रामदेव महाराज ने अपनी गरिमामय उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाते हुए कहा कि संपूर्ण धर्मों का निचोड़ सनातन धर्म में ही निहित है और आने वाले कुछ सालों में भारत आर्थिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामरिक शक्ति का केंद्र बन जाएगा। इस अवसर पर चिदानंद सरस्वती जी ने अपने प्रभावशाली संबोधन में कहा कि हम भारतीयों के चरित्र में भौतिक बल के साथ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक बल भी हो। आगे उन्होंने कहा कि “ India is not a piece of land,but a land of peace.”
इस अवसर पर हिन्दुत्व के पुरोधा स्वर्गीय अशोक सिंघल (विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख) का स्मरण करते हुए साध्वी निरंजन ज्योति ने राम मंदिर का निर्माण इस दशक की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अथिति हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सभा को सम्बोधित करते हुए संत समाज की महिमा पर प्रकाश डालते हुए संतों की विचारधारा को अग्रसरित करने के लिए साधकों का एवं सामाजिक बुराईयों के अंत के लिए संत समाज का आह्वान किया।
इस त्रिदिवसीय दिव्य महोत्सव के प्रथम दिवस पर पूज्य स्वामी माधवप्रिय दास महाराज, निरंजनपीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी कैलाशानन्द गिरि महाराज, हिन्दू धर्म आचार्य सभा के महासचिव स्वामी परमात्मानन्द, परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानन्द मुनि , स्वामी ब्रह्मेशानंद , सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता भा.ज. पा. के राजीव प्रताप रूडी , महाराष्ट्र के पूर्व-राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी , उत्तराखण्ड के वित्तमंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल , भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल, विश्व हिन्दू परिषद के मार्गदर्शक दिनेश चंद्र , दिव्य प्रेम मिशन के प्रमुख आशीष भाई , सुदर्शन न्यूज़ के प्रमुख सुरेश चव्हाणके , हरिद्वार विधायक मदन कौशिक , महामण्डलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरि , प्रभु प्रेमी संघ की अध्यक्षा महामण्डलेश्वर स्वामी नैसर्गिका गिरि , महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानन्द गिरि महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी अपूर्वानन्द गिरि महाराज, संस्था के अनेक वरिष्ठ न्यासीगण, वरिष्ठ प्रशासनिक व अधिकारी गण तथा देश-विदेश से बड़ी संख्या में पधारे साधकों की उपस्थिति रही।