( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। B.H.E.L हरिद्वार के सेक्टर 1 क्षेत्र में बढ़ती अपराधिक घटनाओं के मद्देनजर B.H.E.L के नगर प्रशासन विजय सिंह चौहाण के द्वारा किए गए मार्केट बंदी के आदेश के नहीं है कोई मायने। गत सप्ताह भेल सेक्टर एक खोखा मार्केट में दो युवकों के झगड़े में आपस में तमंचा तान लेने की घटना पर भेल प्रबंधन ने भेल कर्मचारियों की सुरक्षा की दृष्टि से 4 जुलाई को नोटिस निकालकर सेक्टर 1( स्टेट बैंक के सामने ) खोखा बाजार को बंद करने के आदेश जारी दिए थे। मात्र 2 दिन चले बंदी के आदेश लड़खड़ा गए और खोखा मार्केट 6 तारीख की शाम 07 बजे खुल गया। आदेश वापस लेने का कोई लिखित पत्र जारी नही हुआ । लेकिन भेल का कोई अधिकारी यह बात बताने को तैयार भी नहीं कि आखिर किस वजह से बंदी के आदेश वापस लिए क्या अपराध कम हो गए या भेल क्षेत्र सुरक्षित हो गया ? आपको बता दे कि 04 जुलाई के खोखा बंदी के आदेश से पूर्व घटना के एक दिन बाद ही 01 जुलाई को B.H.E.L के DGM संपदा के के चौहान के हस्ताक्षर से जारी आदेश मे B.H.E.L क्षेत्र के समस्त बाजार सुरक्षा और अपराधिक घटनाओं को रोकने के मद्देनजर भेल क्षेत्र के समस्त बाजार रात्रि 9:00 बजे तक बंद करने बात लिखी थी , और शाम 6:00 बजे के बाद उबला हुआ अंडा और मांस से बनी हुई खाद्य सामग्री ना बेचने के भी आदेश दिए गए। फिर इस आदेश के मात्र तीन दिन बाद ही 04 जुलाई को नगर प्रशासक खोखा बंदी के आदेश शाम को जारी कर देते है।
वहीं मजे की बात यह है कि B.H.E.L क्षेत्र के ईटवेल रेस्टोरेंट पर 6:00 बजे के बाद मांस से बने हुए खाद्य सामग्री को परखने के लिए छापा लगता है और छापे में मांस बेचने की पुष्टि होती है। उसके पश्चात 5 जुलाई को शाम नगर प्रशासक विजय सिंह चौहाण के आदेश जारी होते हैं और उसमें स्पष्ट लिखा होता है कि ईटवेल रेस्टोरेंट को 7 दिन के लिए बंद कर दिया जाए।ऐसा न करने पर पीपी एक्ट में बेदखली की कार्रवाई का मुकदमा कायम होगा। लेकिन आदेश जारी होने के बाद भी ना तो रेस्टोरेंट बंद हुआ और ना ही उस पर मांस से बनी खाद्य सामग्री बिकना बंद हुई। उक्त संदर्भ में नगर प्रशासक के आदेश बेमानी साबित हो रहे हैं।
इस बीच B.H.E.L के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम ना छपने की शर्त पर बताया कि बृहस्पतिवार को खोखा मार्किट का एक प्रतिनिधि मंडल GM ( HR ) से मिला था ,और ऐसी किसी गतिविधियों के लिए अपने तरफ से रोक लगाने की बात कहने और रात्रि नौ बजे के बाद दुकाने ना खोलने की बात के बाद खोखा मार्किट खोलने की बात हुई है। पर सवाल यहाँ यह जरूर उठता है कि जब मार्किट बंद करने की बात नोटिश के माध्यम से कही गई तो खोलने की बात गुपचुप तरीके से कैसे हो गई। वही यही भी देखने वाली बात होगी कि क्या वाकई दुकानदार जोकि अभी तक यह कहते हुए नज़र आ रहे थे कि हम तो सामान भेजने का काम करते है। यह लफड़े -झ्फडे का काम पुलिस का है। उधर रानीपुर पुलिस का कहना है कि दुकानों के बंद करने या खोलने का मामला B.H.E.L प्रशासन का है।