( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून / जोशीमठ। चमोली के जोशीमठ में एक तरफ तो जमीने दरक रही है दूसरी तरफ सात मंजिला इमारतें बन गई हैं। चमोली डीएम ने पत्र लिखकर शासन का ध्यान अनियोजित निर्माण की ओर आकर्षित किया है। सरकार फिलहाल यहां हर तरह के निर्माण पर तात्कालिक रोक लगा सकती है।
जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के कारणों पर तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं। इसी बीच चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने एक चिट्ठी शासन को भेजी है। पत्र में कहा कि जोशीमठ में अनियोजित निर्माण बड़े पैमाने पर हो रहा है। यहां सात-सात मंजिला होटल बन गए हैं। इससे यहां भूस्खलन सक्रिय हो रहा है।
शासन ने इस पत्र को गंभीरता से लिया है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने डीएम को पत्र भेजकर 15 जनवरी तक ऐसे निर्माण, भू-धंसाव से प्रभावित गांवों और पुनर्वास के लिए जमीनों की रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे की रणनीति बनाएगी।
45 परिवारों के पुनर्वास को शासन ने दी हरी झंडी
चमोली के डीएम ने जोशीमठ के 45 परिवारों के पुनर्वास की अनुमति मांगी थी। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि 45 घरों के पुनर्वास की अनुमति जारी कर दी गई है। बताया कि पहले जोशीमठ में 385 प्रभावित गांव थे। वर्तमान में करीब 200 गांवों के पुनर्वास की योजना पर काम चल रहा है। स्टडी के बाद तस्वीर और साफ होगी।
उधर सचिव आपदा प्रबंधन ,उत्तराखण्ड डॉ. रंजीत सिन्हा का कहना है कि डीएम का पत्र मिला है, जिसमें सात मंजिला इमारतों जैसे अनियोजित निर्माण की जानकारी दी गई है। जोशीमठ चारधाम यात्रा मार्ग का महत्वपूर्ण पड़ाव है। फिलहाल निर्माण पर तात्कालिक रोक लगाने जैसा फैसला लिया जा सकता है। बाकी पूरे अध्ययन के बाद तस्वीर साफ होगी।