- परमार्थ निकेतन गंगा के तट पर डाॅ रोजर गोपाल और श्रीमती अनीता ने अपनी 10 वीं विवाह वर्षगांठ पर वैदिक संस्कृति से किया
- विवाहशांतिपूर्ण भविष्य सुनिश्चित करने और दुनिया को बेहतर बनाने के लिये नवजात शिशुओं की सुरक्षा नितांत आवश्यक- स्वामी चिदानन्द सरस्वती
- ( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
- ऋषिकेश। आज परमार्थ निकेतन में त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य के उच्चायुक्त डाॅ रोजर गोपाल, उनकी पत्नी अनीता, बेटे एड्रियन और ब्रायन पधारे उन्होंने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से आशीर्वाद लेकर विश्व शान्ति हवन और माँ गंगा जी की दिव्य आरती में सहभाग किया।
डा रोजर गोपाल और श्रीमती अनीता ने अपनी शादी की 10 वीं वर्षगांठ के अवसर पर परमार्थ निकेतन माँ गंगा के पावन तट पर वैदिक संस्कार और भारतीय संस्कृति से विवाह सम्पन्न कर भारतीय संस्कृति और संस्कारों को जीने का संकल्प लिया।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज शिशु सुरक्षा दिवस के अवसर पर कहा कि ‘‘शांतिपूर्ण भविष्य सुनिश्चित करने और दुनिया को बेहतर बनाने के लिये नवजात शिशुओं की सुरक्षा करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बच्चे किसी की अपनी संपत्ति नहीं हैं और न केवल परिवार की जिम्मेदारी है बल्कि वे तो समाज की साझा जिम्मेदारी हैं इसलिये आईये हम सब मिलकर एक बेहतर दुनिया के निर्माण में अपना योगदान प्रदान करें ।
7 नवंबर को शिशु सुरक्षा दिवस मनाने का सरकार का उद्देश्य शिशुओं की सुरक्षा के बारे में समाज में जागरूकता फैलाने और शिशुओं की उचित देखभाल करके उनके जीवन को सुरक्षित करने के लिये जनसमुदाय को संदेश देना ताकि शिशुओं की उचित सुरक्षा और देखभाल कर शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। संयुक्त राष्ट्र की बाल मृत्यु रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में भारत में 721,000 शिशु मृत्यु दर्ज की गईं, जो प्रति दिन औसतन 1,975 मौतें हैं। स्वामी जी ने कहा कि आज के शिशु कल के नागरिक हैं, उनकी सुरक्षा करना पूरे समाज का परम कर्तव्य है क्योंकि वे इस खूबसूरत दुनिया का भविष्य हैं।
भारत में प्रत्येक वर्ष 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है ताकि इस जानलेवा बीमारी से लड़ने के लिये तथा शुरुआत में ही कैंसर का पता लगाने के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। कैंसर बीमारियों का एक बड़ा समूह है जिसमें असामान्य कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं तथा शरीर में अपने आस-पास के हिस्सों पर आक्रमण करने या अन्य अंगों में फैलने के लिये अपनी सामान्य सीमाओं को पार करती हैं।
कैंसर भारत सहित दुनिया भर में जीर्ण एवं गैर-संचारी रोगों की वजह से होने वाली बीमारियों एवं मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कैंसर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है और वर्ष 2018 में विश्व स्तर पर लगभग 18 मिलियन मामले कैंसर से संबंधित थे जिनमें से 1.5 मिलियन मामले अकेले भारत से थे। वर्ष 2018 में वैश्विक स्तर पर 9.58 मिलियन के मुकाबले भारत में लगभग 0.8 मिलियन मौतें कैंसर से हुईं। कैंसर के कारण होने वाली मौतों को कुछ हद तक रोका जा सकता है, मुख्य जोखिम कारकों को छोड़कर कैंसर से होने वाली 30-50 प्र्रतिशत मौतों को रोकने के लिये प्रयत्न किया जा सकता है परन्तु इसके लिये प्रमुख जोखिम वाले कारकों में तंबाकू का उपयोग, शराब का उपयोग, असंतुलित आहार, पराबैंगनी विकिरण का संपर्क, प्रदूषण, पुराने संक्रमण आदि पर विशेष ध्यान देना होगा।
आयुष्मान भारत के अन्तर्गत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को गरीब एवं कमजोर समूहों के स्वास्थ्य संबंधी वित्तीय बोझ को कम करने हेतु माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में लागू किया गया है, यह योजना गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच प्रदान कर रही है। इसके अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि प्रत्येक व्यक्ति की पहंुच बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं तक हो सके।