( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
उत्तरकाशी। चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। 41 श्रमिकों की जान जोखिम में है। रेस्क्यू की राह में बार – बार कई तरह के अवरोध आ रहे हैं। जो मशीनें खोज बचाव के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचाई जा रही हैं, उन्हें सिलक्यारा पहुंचने में बदहाल सड़कों से जिल्लत झेलनी पड़ रही है। फिर भी रेस्क्यू जारी है, जल्द ही मजदूर बाहर आएंगे। उधर ,आज रेस्क्यू का 15 वा दिन है।
पखवाड़े भर से टनल के अंदर फंसे श्रमिकों का रेस्क्यू जारी है लेकिन ड्रिलिंग के लगातार अवरुद्ध होने से देरी हो रही है। हालांकि मजदूरों का स्वास्थ ठीक है और उन्हें पाइप के जरिए खाना और अन्य सामान समय पर पहुंचाया जा रहा है।वही PM मोदी ,CM धामी सहित पूरा देश उनके सकुशल बाहर आने के लिए दुआएं कर रहा है।वही , हैदराबाद से प्लाज्मा कटर लाया गया है। इसके साथ ही बीएसएनएल ने भी फंसे मजदूरों तक लैंडलाइन की सुविधा दे दी है।
सुरंग में फंसे टनकपुर के श्रमिक ऐरी के परिवार से मिलने पहुंचे सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनकपुर के श्रमिक पुष्कर सिंह ऐरी के परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे। एरी सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों में से एक हैं। उन्होंने परिवार के लोगों को आश्वासन दिलाया कि एरी सुरक्षित बाहर आएंगे।
सीएम धामी बोले- तेजी से काम जारी
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हैदराबाद से लाई गई प्लाज़्मा मशीन ने सुबह से काम करना शुरू कर दिया है। तेजी से कटाई चल रही है। 14 मीटर और कटना बाकी है। बरमा मशीन को काटकर बाहर लाना है। ऐसा लगता है कि यह जल्द ही पूरा हो जाएगा। कुछ ही घंटों में। उसके बाद मैनुअल ड्रिलिंग शुरू हो जाएगी।
रेस्क्यू उपकरणों को लेकर देहरादून एयरपोर्ट पहुंची इंडिगो की विशेष फ्लाइट
सिलक्यारा ऑपरेशन के लिए रेस्क्यू उपकरणों को लेकर रात 12:00 बजे इंडिगो की विशेष फ्लाइट देहरादून एयरपोर्ट पहुंची।उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने की कोशिशों में अड़चनें आने के बाद नए सिरे से रेस्क्यू शुरू किया जा रहा है। जिसके लिए सिलक्यारा में रेस्क्यू उपकरण भिजवाने का कार्य तेज कर दिया गया है। इसके लिए देहरादून एयरपोर्ट पर एक बार फिर हलचले तेज हो गई हैं। इन उपकरणों को पहुंचाने के लिए सेना और दूसरे विमान फिर से आने लगे हैं।
टूटने लगा परिजनों के सब्र का बांध
हकीकत में कब तक निकाला जाएगा, यह पता नहीं है। पिछले तीन दिन से सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान अंतिम चरण बताया जा रहा था, लेकिन अब यह खिंचता जा रहा है। इससे अब अंदर फंसे मजदूरों के परिजनों के सब्र का बांध भी टूटने लगा है। सुरंग में फंसे बिहार के बांका जिले के रहने वाले वीरेंद्र किसकू की भाभी सुनीता ने बताया कि वह पिछले तीन दिन से सुन रहे कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने वाला है, आज उन्हें निकाल लिया जाएगा, लेकिन रेस्क्यू पूरा ही नहीं हो रहा है। इससे सुरंग के अंदर फंसा उनका देवर भी निराश है। झारखंड के ग्राम केशोडीह निवासी विश्वजीत कुमार के भाई इंद्रजीत भी सुरंग के बाहर अपने भाई का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर दिन उम्मीद बंधती है कि आज अंदर फंसे सभी लोग बाहर आ जाएंगे, लेकिन फिर शाम होते-होते यह उम्मीद टूट जाती है।
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