( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में करीब एक सप्ताह पहले 14 साल के बच्चे की रैबीज की वजह से मौत हो गई। करीब एक महीने पहले उसे कुत्ते ने काटा था, लेकिन उसने डर की वजह से परिजनों को यह बात नहीं बताई। जब बच्चे में रैबीज के लक्षण दिखे, तो परिजन अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और बच्चे ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। अब यह मुद्दा पूरे देश में चर्चाओं का विषय बना हुआ है। भारत में कुत्ते काटने की घटनाएं लंबे समय से चिंता का विषय बनी हुई हैं।
डब्ल्यूएचओ (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार रैबीज के कारण देश में हर साल सैकड़ों लोग मौत का शिकार हो जाते हैं। इस बीमारी के कारण होने वाली वैश्विक मौतों में से 36% भारत में होती हैं। रैबीज की बीमारी कुत्ते के काटने और लार से इंसानों में फैलती है। रैबीज वायरस की वजह से फैलता है और सही समय पर इसका इलाज न कराया जाए, तो व्यक्ति की मौत हो सकती है। आज आपको बताएंगे कि रैबीज की बीमारी इंसानों में कैसे फैलती है और इससे कैसे बचा जा सकता है। साथ ही यह भी बताएंगे कि कुत्ता काट ले, तो क्या करना चाहिए।
कैसे फैलती है रैबीज की बीमारी?
हरिद्वार के सीनियर डॉक्टर राम के अनुसार कुत्ता, बिल्ली और बंदर के काटने से रैबीज और अन्य जूनोटिक डिजीज हो सकती हैं। कुत्ता, बिल्ली और बंदरों की लार में रैबीज का वायरस होता है। जब ये जानवर किसी को काटते हैं, तो इनकी लार के जरिए रैबीज का वायरस इंसानों के खून में पहुंच जाता है और संक्रमण फैल जाता है। कुत्ते के खरोंचने भर से यह वायरस इंसानों के शरीर में घुस सकता है और जानलेवा बीमारी रैबीज पैदा कर सकता है। आवारा कुत्तों के अलावा पालतू कुत्तों से भी लोगों को सावधान रहना चाहिए। लापरवाही करने से रैबीज का शिकार हो सकते हैं। अधिकतर लोग सोचते हैं कि पातलू कुत्तों के काटने से रैबीज का खतरा कम होता है लेकिन ऐसा नहीं है। डॉग बाइट को हल्के में नहीं लेना चाहिए और डॉक्टर से मिलकर एंटी रैबीज वैक्सीन लगवानी चाहिए।
अगर कुत्ता काट ले, तब क्या करें?
डॉक्टर्स की मानें तो कुत्ता काटने के बाद तुरंत फर्स्ट एड लेनी चाहिए और 24 घंटे के अंदर एंटी रैबीज वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए। अगर रैबीज से संक्रमित कुत्ते ने काटा हो, तो कुछ ही घंटों के अंदर इलाज शुरू करवा देना चाहिए। अगर कुत्ता काट ले, तो जिस जगह पर कुत्ता काटे, उस जगह को साबुन और पानी से करीब 10 मिनट तक लगातार धोएं। कुत्ते की लार से निकला वायरस साबुन से खत्म हो सकता है. इसके बाद आप घाव पर एंटी बैक्टीरियल या कोई अन्य क्रीम लगा सकते हैं। अगर खून ज्यादा बह रहा है या घाव ज्यादा है तो ऐसी कंडीशन में जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा 24 घंटे के अंदर एंटी रैबीज वैक्सीन की पहली डोज लगवानी चाहिए। वैक्सीन की दूसरी डोज तीसरे दिन, तीसरी डोज सातवें दिन, चौथी डोज 14वें दिन और पांचवी डोज 28वें दिन लगाई जाती है। एंटी रैबीज वैक्सीन की कुल 5 डोज लगाई जाती हैं।
कुत्ते के चाटने से भी होता है खतरा?
दिल्ली के यमुना विहार स्थित हैरी पेट्स क्लीनिक एंड सर्जरी सेंटर के डॉ. हरअवतार सिंह के मुताबिक कुत्तों के काटने, खरोंचने और चाटने से भी यह बीमारी इंसानों में फैल सकती है। इसके अलावा म्यूकस मेंब्रेन (मुंह, नाक और आंख) के जरिए रैबीज का वायरल लोगों को संक्रमित कर सकता है। अगर किसी व्यक्ति के घाव या कट लगने वाली जगह पर कुत्ता चाट ले, तो उसकी लार के जरिए रैबीज का वायरस शरीर में पहुंच सकता है और ऐसे में लोगों को तुरंत डॉक्टर से मिलकर एंटी रैबीज वैक्सीन लगवानी चाहिए। इसके अलावा किसी खरोंच पर कुत्ता चाट ले, तब भी उसकी लार में मौजूद वायरस शरीर पर अटैक कर सकता है। इसलिए कुत्ता पालने से पहले कुत्ते को प्रिवेंटिव रैबीज वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए। बच्चों को कुत्तों से दूर रखना चाहिए, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।