appointment of vice-chancellors Complaint reached Dehradun Raj Bhavan Slider standing questions States Uttarakhand

बड़ी खबर : उत्तराखण्ड में अब कुलपतियों की नियुक्तियों पर खड़े हजाने लगे सवाल ,राजभवन पहुंची शिकायत। आखिर क्या और क्यों ? Tap कर जाने

Spread the love

( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। राज्य में अमान्य एवं प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षकों की भर्ती की तरह ही अब विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्तियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अर्हता पूरी किए बिना ही नियुक्ति के चलते अब तक दो कुलपतियों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं। दो अन्य विवि के कुलपतियों की नियुक्तियों को कोर्ट में चुनौती दी गई है।
अब भरसार विवि के नवनियुक्त कुलपति की अर्हता को लेकर शिकायत राजभवन पहुंची है। आरोप है कि, नवनियुक्त कुलपति की अर्हता पद के लिए पूरी नहीं है। अमान्य प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति के मामले केवल बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में ही नहीं बल्कि उच्च शिक्षा में भी सामने आ रहे हैं।
बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में अब तक 100 से ज्यादा शिक्षकों की सेवाएं समाप्त हो चुकी हैं। एसआईटी अन्य शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की भी जांच कर रही है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक कुछ शिक्षकों के खिलाफ जल्द कार्रवाई हो सकती है। 
हाईकोर्ट में चुनौती दी गई
उच्च शिक्षा में विवि कुलपतियों की नियुक्तियों पर सवाल उठ रहे हैं। अर्हता पूरी न करने के मामले में बीते नवंबर में सोबन सिंह जीना विवि के कुलपति नरेंद्र सिंह भंडारी की नियुक्ति रद्द कर दी गई। इससे पहले 2019 में दून विवि के तत्कालीन कुलपति सीएस नौटियाल की नियुक्ति रद्द की जा चुकी है। इसके अलावा हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विवि की कुलपति अन्नपूर्णा नौटियाल व कुमाऊं विवि के कुलपति एनके जोशी की नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। 
वही भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता , रविंद्र जुगरान की माने तो अब वीर चंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एवं वानिकी विवि भरसार के नवनियुक्ति कुलपति डॉ. परविंदर कौशल की नियुक्ति को लेकर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र जुगरान की ओर से राजभवन में शिकायत की गई है। शिकायत में कहा गया है कि नवनियुक्त कुलपति यूजीसी रेगुलेशन एक्ट 2018 के अनुसार प्रोफेसर के पद पर 10 साल की सेवा के अनुभव की अर्हता को पूरा नहीं कर रहे।
कुलपतियों की नियुक्तियों में नियमों की अनदेखी हो रही है। मेरी जनहित याचिका पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने शोबन सिंह जीना विवि के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी की नियुक्ति रद्द की। इससे पहले दून विवि के कुलपति सीएस नौटियाल की नियुक्ति रद्द की गई। इसके अलावा दो बार पैनल बदले गए।
सचिव राज्यपाल रंजीत सिन्हाके अनुसार कुलपति की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी राजभवन को पैनल भेजती है। राजभवन को इसमें से किसी एक का चयन करना होता है। कुलपति की अर्हता का सवाल है तो इस मामले में सर्च कमेटी को इसे देखना चाहिए कि अभ्यर्थी अर्हता पूरी कर रहे हैं या नहीं।
जबकि कुलपति वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विवि भरसार डॉ. परविंदर कौशल का कहना है कि मैं अभी बाहर हूं, मेरे पास यूजीसी रेगुलेशन एक्ट 2018 के अनुसार प्रोफेसर के पद पर 10 साल की सेवा का अनुभव है। कोर्ट में मेरे खिलाफ कोई मामला विचाराधीन नहीं है।

news1 hindustan
अब आपका अपना लोकप्रिय चैनल Youtube सहित इन प्लेट फार्म जैसे * jio TV * jio Fibre * Daily hunt * Rock tv * Vi Tv * E- Baba Tv * Shemaroo Tv * Jaguar Ott * Rock Play * Fast way * GTPL केबल नेटवर्क *Top Ten खबरों के साथ देखते रहे News 1 Hindustan* MIB ( Ministry of information & Broadcasting, Government of India) Membership
http://news1hindustan.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *