( ब्यूरो न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )हरिद्वार। योग विज्ञान विभाग उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय एवं इंडियन एसोसिएशन ऑफ योग के संयुक्त तत्वावधान में नवम अंतरराष्ट्रीय योग सम्मेलन का आयोजन उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया। जिसमें 4 देशों एवं भारत के 17 राज्यों के 200 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। मुख्य अतिथि के रुप में पतंजलि योगपीठ के सह संस्थापक एवं पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि विज्ञान के तालमेल से ही योग का प्रतिपादन किया जा सकता है। वैज्ञानिकवाद और अध्यात्मवाद दोनों परस्पर साथ चलने वाले आयाम हैं । विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र शास्त्री ने विश्वविद्यालय के योग विभाग के सशक्त पहलुओं पर प्रकाश डाला एवं भविष्य में योग में आने वाले अवसर को समझाया।
विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर जी डी शर्मा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने बताया की समाज में प्राकृतिक संसाधनों की जो कमी हो रही है मानव समाज को उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर गिरीश कुमार अवस्थी ने विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान किया। आयोजन अध्यक्ष डॉक्टर कामाख्या कुमार ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की एवं अतिथियों का स्वागत किया l 2 दिन चलने वाले इस संगोष्ठी में डॉक्टर बीआर शर्मा कुलपति श्री विश्वविद्यालय, डॉक्टर जे पी एन मिश्रा पूर्व संकाय अध्यक्ष केंद्रीय विश्वविद्यालय गुजरात ने अपने विचारों से प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया। जर्मनी से डॉक्टर राजेश मिश्रा, हंगरी से शंकरी शक्तिनी एवं दुबई से सुमित कुमार ने अपने विचार रखे। आयोजन सचिव डॉ एल एन जोशी ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन डॉ विनय सेठी, डॉ सुधांशु वर्मा एवं अर्पण शर्मा ने किया । इस अवसर पर आयोजन अध्यक्ष एवं विभाग अध्यक्ष डॉ0 कामाख्या कुमार ,डॉ अरविंद नारायण मिश्रा, डॉक्टर अजय परमार, डॉक्टर दामोदर, डॉक्टर उमेश शुक्ला, डॉक्टर श्वेता अवस्थी, डॉ हरीश तिवारी, डॉ राम खंडेलवाल आदि मौजूद रहे ।