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बड़ी खबर : उत्तराखण्ड में जनसंघर्ष मोर्चा आरोप ! पुलिसकर्मियों के परिजन कोई बंधुआ मजदूर तो नहीं, जो किया जा रहा उत्पीड़न। आखिर क्यों और क्या ? Tap कर जाने

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# विधायक रहते स्वयं धामी ने एसीपी लाभ  मामले में की थी पुरजोर वकालत।               

#घोषणा को धरातल पर न उतारना वादाखिलाफी। 

#मुख्यमंत्री ने अक्टूबर में 4600 ग्रेड पे की करी थी घोषणा। 

#पुलिस कर्मियों का उत्पीड़न कर आंदोलन को कुचलना  चाहती है सरकार।   

( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

विकासनगर। जन संघर्ष  मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों को एसीपी (4600 ग्रेड पे) का लाभ दिए जाने को लेकर वर्ष 2021 में विधायक रहते स्वयं पुष्कर सिंह धामी ने पुरजोर पैरवी की थी तथा मुख्यमंत्री बनने के बाद धामी जी ने पुलिस शहीद दिवस के अवसर पर अक्टूबर 2021 को एसीपी लाभ दिए जाने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक घोषणा को धरातल पर उतारना तो दूर, पुलिस कर्मियों का उत्पीड़न (निलंबित कर) किया जा रहा है ।   नेगी ने कहा  कि पूर्व में पुलिस विभाग में समयमान वेतन के लाभ के रूप में पदोन्नति पद की प्रास्थिति के अनुरूप कार्मिकों को अगला वेतनमान अनुमन्य था,  परंतु एमएसीपी व्यवस्था लागू होने के उपरांत जिन पदों का वेतनमान एवं ग्रेड वेतन/मैट्रिक्स लेवल अनुमन्य कराया जा रहा है, वह पद उस संवर्ग के ढांचे में विद्यमान नहीं है |सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के क्रम में एमएसीपी व्यवस्था के अंतर्गत शासनादेशानुसार पदोन्नति पद का लाभ  स्वीकृत न होकर अगला ग्रेड वेतन स्वीकृत होने के कारण क्रमशः 10-20-30 वर्ष की सेवा पर स्तरोन्नयन का लाभ स्वीकृत होने के उपरांत एक ही पद पर कार्य तथा एक ही वर्ष के भर्ती कार्मिक अपने समकक्ष वरिष्ठ पदोन्नत कर्मी के समान वेतनमान एवं ग्रेड वेतन/ वेतन मैट्रिक्स का लाभ प्राप्त नहीं कर पाएंगे, जिससे विसंगति होना लाजिमी है । पुलिस विभाग में 2800 ग्रेड पे यानी एएसआई का पद विभागीय ढांचे में विद्यमान नही है, जिस कारण उनको अगला  ग्रेड पे 4600 अनुमन्य होना चाहिए । उक्त विसंगति के चलते कार्मिकों को 10-15 हजार का आर्थिक नुकसान प्रतिमाह होना लाजिमी है, क्योंकि पुलिस विभाग में अराजपत्रित अधिकारियों/ कर्मचारियों पर स्टाफिंग पैटर्न की व्यवस्था लागू नहीं है तथा पदोन्नति के सोपान भी अन्य विभागों की तुलना में बहुत कम हैं |  अधिकांश पुलिसकर्मी भर्ती के पद से ही सेवानिवृत्त हो जाते हैं । नेगी ने कहा कि सरकार वित्तीय रोना रोती है, लेकिन जब विधायकों/ मंत्रियों के वेतन, भत्ते, पेंशन इत्यादि में बढ़ोतरी की बात होती है तो एकदम बिल पेश हो जाता है।     नेगी ने कहा कि सरकार को कर्मियों का उत्पीड़न बंद कर तत्काल अपनी घोषणा पर अमल करना चाहिए। पत्रकार वार्ता में- दिलबाग सिंह, भीम सिंह बिष्ट व अमित जैन मौजूद थे ।

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