( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नैनीताल। हरिद्वार कुम्भ के दौरान कोरोना जाँच फर्जीवाड़ा मामले में नैनीताल से बड़ी खबर आ रही है। फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेज की मालकिन मल्लिका पंत और पार्टनर शरद पंत पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सरकार की रिकॉल एप्लिकेशन खारिज करते हुए कहा कि जब जांच के दौरान धाराएं बढ़ा दी हैं, तो अरनेश कुमार वाले आदेश की सुरक्षा खत्म हो जाती है। कोर्ट के आदेश के बाद अब कभी भी इन दोनों मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है।
दरअसल कुम्भ में कोरोना जांच का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद 17 जून को सीएमओ हरिद्वार ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज़ के साथ लालचंदानी व नलवा लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। हालांकि पूर्व में हाई कोर्ट ने इस केस में अधिकतम 7 साल से कम सजा होने के चलते गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी, लेकिन अब जांच के दौरान धारा बढ़ाए जाने के बाद इन आरोपियों को कोर्ट से मिली सुरक्षा भी खत्म हो गई है।
एक अन्य आरोपी नलवा लैब के मालिक को कोर्ट ने अग्रिम ज़मानत के लिए निचली अदालत में 17 अगस्त तक याचिका दाखिल करने की छूट दी। टेस्ट करने वाली नलवा लैब के नवतेज नलवा ने कोर्ट में कहा था कि उन्हौने कोई भी टेस्ट कुम्भ में नहीं किया इसलिए उनको केस में बेवजह फंसाया जा रहा है. लिहाज़ा उन पर दर्ज एफआईआर को निरस्त किया जाए।
कोर्ट के आदेश पर हुई थी टेस्टिंग
हाई कोर्ट के आदेश के बाद कुम्भ में 50 हज़ार टेस्ट रोज़ाना करने थे, जिसके बाद मेला प्रबंधन ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज़ को कोरोना टेस्ट का ठेका दिया था, लेकिन इसमें गड़बड़ी तब खुली, जब हरियाणा में किसी व्यक्ति के मोबाइल पर बिना कोरोना जांच के मैसेज आया. तब न्यूज़ 18 ने छानबीन की तो बड़ी गड़बड़ी सामने आई। आनन फानन में सीएमओ हरिद्वार ने हरिद्वार कोतवाली में 17 जून को मुकदमा दर्ज किया।