( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। विजिलेंसजाँच के बाद उत्तराखण्ड पुलिस में 2015 -16 दरोगा सीधी भर्ती पार्टी खुलने लगी है।
जी हाँ ,वर्ष 2015-16 में उत्तराखंड पुलिस में हुई दारोगा की सीधी भर्ती में कई दारोगा के शैक्षिक दस्तावेज फर्जी होने की सूचना विजिलेंस को मिली है।
जांच में उधड़ रही परतों के बीच विजिलेंस ने अब संदिग्ध सभी दारोगा के शैक्षिक दस्तावेजों की पड़ताल शुरू कर दी है। आरोप है कि परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद नौकरी पाने के लिए कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जी शैक्षिक दस्तावेज भी जमा किए है ।
शैक्षिक दस्तावेजों की सत्यता पर आलाधिकारी फिलहाल मामले में कहने से बच रहे
हालांकि, सवाल पुलिस विभाग की कार्यशैली पर भी उठ रहा है कि नियमानुसार शैक्षिक दस्तावेजों की सत्यता की जांच उस समय क्यों नहीं की गई थी। पुलिस के आलाधिकारी फिलहाल मामले में कहने से बच रहे हैं। वह सिर्फ जांच विचाराधीन होने का हवाला दे रहे हैं।
आयु की सीमा में फिट बैठने को अभ्यर्थियों ने फर्जी शैक्षिक दस्तावेज बनवाए
दारोगा भर्ती में न्यूनतम आयु 21 वर्ष जबकि अधिकतम 28 वर्ष निर्धारित की गई थी। इस दौरान राज्य सरकार ने दारोगा भर्ती में एक वर्ष की अतिरिक्त छूट दी, जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए पांच वर्ष की छूट की गई। शैक्षणिक योग्यता स्नातक थी।
विजिलेंस सूत्रों की मानें तो आयु की सीमा में फिट बैठने के लिए कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जी शैक्षिक दस्तावेज बनवाए लिए। कुछ अभ्यर्थी ऐसे भी थे, जिन्होंने बाहरी राज्यों के स्कूल, कालेज व विश्वविद्यालयों के दस्तावेज जमा कराए।
इसलिए विजिलेंस ने अब उन अभ्यर्थियों के शैक्षिक दस्तावेजों की सत्यता की जांच शुरू कर दी है, जिन्होंने बाहरी राज्यों के शैक्षणिक संस्थानों के दस्तावेज लगाए हैं। विजिलेंस जांच में यह बात भी सामने आ रही है कि कुछ दारोगा के 10वीं और 12वीं के भी शैक्षणिक प्रमाणपत्र भी फर्जी हैं। इसकी भी जांच की जा रही है।
निलंबित दारोगा खटखटाने लगे मुख्यालय का दरवाजा
भर्ती प्रकरण में निलंबित किए गए 20 दारोगा में से कुछ ने पुलिस मुख्यालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने पक्ष रखने के लिए मुख्यालय तक अपनी पहुंच बढ़ाई है।
बताया जा रहा है कि विजिलेंस ने इनके बैंक खातों से हुए लेनदेन को भी जांच का आधार माना है। कुछ दारोगा ऐसे भी हैं, जिनके बैंक खातों में किसी और माध्यम से धनराशि आई है, या उन्होंने किसी और कारण से धनराशि दी है। इसी आधार पर उन पर कार्रवाई की गई है। ऐसे में वह अपनी बात रखने के लिए वह मुख्यालय पहुंच रहे हैं।
वही अपर पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड वी मुरुगेशन के अनुसार विजिलेंस मामले की गहनता से जांच कर रही है। जांच के बाद जो भी साक्ष्य निकलकर सामने आएंगे, उन्हीं के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।