( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गोरखपुर जंक्शन पहुंचकर पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्वांचल को उपहार देने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री होंगे। प्रधानमंत्री गतिमान ट्रेन वंदे भारत को हरी झंडी दिखाने के साथ गोरखपुर जंक्शन के पुनर्विकास की नींव भी रखेंगे। 21 अप्रैल, 1973 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से समस्तीपुर 587 किमी मार्ग (रूट) के आमान परिवर्तन (छोटी से बड़ी लाइन) की आधारशिला रखने गोरखपुर जंक्शन आई थीं।
1973 में बाराबंकी-समस्तीपुर रूट के आमान परिवर्तन की आधारशिला रखने आई थीं इंदिरा गांधी
रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थापित शिलान्यास पट पूर्वोत्तर रेलवे के विकास की गाथा कह रहा है। आमान परिवर्तन की आधारशिला रखे जाने के बाद लगभग आठ से नौ साल में आमान परिवर्तन पूरा हो गया। वर्ष 1981 के बाद पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यमार्ग बाराबंकी-गोंडा-गोरखपुर-छपरा-समस्तीपुर बड़ी रेल लाइन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया। गोरखपुर भी देश के महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के गोरखपुर आने के 50 वर्ष बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पुनर्विकास की आधारशिला रख पूर्वोत्तर रेलवे के विकास की गति का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
पुनर्विकास की आधारशिला रख पूर्वोत्तर रेलवे के विकास की गति का मार्ग प्रशस्त करेंगे PM
प्रधानमंत्री वंदे भारत को हरी झंडी दिखाकर न सिर्फ पूर्वोत्तर रेलवे के विकास को गति प्रदान करेंगे, बल्कि गोरखपुर जंक्शन के पुनर्विकास की नींव रख पूर्वांचल को नई ऊंचाई प्रदान करेंगे। गोरखपुर जंक्शन 693 करोड़ रुपये से सिटी सेंटर के रूप में विकसित होगा, जहां रेल यात्री ही नहीं आमजन के लिए भी उच्चस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। रेलवे के अभिलेखों के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर जंक्शन की नींव 15 जनवरी, 1885 को पड़ी थी। सोनपुर से मनकापुर तक मीटर गेज रेल लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आया।
वर्ष 1886 में गोरखपुर से उस्का बाजार
लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर जंक्शन बना। 1981 में छपरा से मल्हौर तक का आमान परिवर्तन पूर्ण हुआ और गोरखपुर जंक्शन बड़ी लाइन के माध्यम से देश के अन्य महानगरों से जुड़ गया। यार्ड रिमाडलिंग 06 अक्टूबर, 2013 को पूर्ण हुआ। इसी के साथ गोरखपुर जंक्शन का प्लेटफार्म विश्व का सबसे लंबा प्लेटफार्म (1366.33 मीटर) बना। वर्तमान में गोरखपुर जंक्शन का प्लेटफार्म विश्व में दूसरे स्थान पर है।