( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड में आम जनता सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी से ज्यादा परेशान है। इसका प्रमाण इसी बात से मिलता है कि भष्टाचार निरोधी हेल्पलाइन 1064 पर दो महीने में कुल 3200 शिकायतें प्राप्त हुई है। जिनमे से 1000 से ज्यादा शिकायतें भ्रष्टाचार की शिकायते दर्ज हो चुकी है। जिनमे से 71 शिकायतें सही पाई गई है। लेकिन इनके वावजूद सिर्फ 6 लोग ही पकडे गए है।
आपको बता दे कि प्रदेश में पहले भी भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज करने के लिए टोलफ्री नंबर था, लेकिन इसमें कोड के साथ ही 10 अन्य नंबर डायल करने पड़ते थे। इस कारण टोल फ्री नंबर बहुत प्रचलित नहीं हो पाया। अब केंद्र सरकार ने सभी प्रदेशों को एंटी करप्शन हेल्पलाइन के लिए 1064 नंबर आवंटित कर दिया है।
इसी क्रम में उत्तराखंड में भी आठ अप्रैल से एंटी करप्शन हेल्पाइन नंबर 1064 सक्रिय हो चुका है। विजिलेंस मुख्यालय से 24 घंटे संचालित होने वाले इस हेल्पलाइन पर दो महीने में ही कुल करीब 3200 कॉल दर्ज हो चुकी हैं। जिसमें करीब 2200 कॉल जन समस्याओं को लेकर हैं। जिन्हें विजिलेंस ने सीएम हेल्पलाइन पर भेज दिया है।
राजस्व विभाग टॉप पर
सतर्कता विभाग के अधिकारियों के मुताबिक करीब एक हजार शिकायतें सीधे तौर भ्रष्टाचार को लेकर आई हैं। इसमें सर्वाधिक शिकायतें राजस्व विभाग के अधीन लेखपाल, पटवारी, कानूनगो या तहसील कलेक्ट्रेट के विभिन्न संवर्ग के कर्मचारियों को लेकर हैं। जबकि विद्युत विभाग, पेयजल, नगर निकाय जैसे जनता से जुड़े विभागों की भी खूब शिकायतें आई हैं।
पुलिस की शिकायत नहीं आने से अफसर भी हैरान
विजिलेंस अधिकारी इस बात को लेकर हैरान हैं कि हेल्पलाइन पर पुलिस की कोई शिकायत अब तक नहीं आई है। निदेशक विजिलेंस अमित सिन्हा के मुताबिक हेल्पलाइन नंबर पर प्राप्त शिकायतों को जांच के बाद ही पुख्ता तैयारी के साथ ट्रैप की कार्रवाई की जाती है। आने वाले दिनों में ट्रैप की कार्रवाई और तेज होगी।
71 शिकायतों की हुई प्रारंभिक तौर पर पुष्टि
शिकायत के बाद विजिलेंस शिकायतों की प्रारंभिक जांच करता है, महज दो महीनों में प्राप्त इन शिकायतों में से अब तक 71 में प्रारंभिक तौर पर रिश्वत मांगने की पुष्टि हो रही है। इसमें से छह अब तक ट्रैप हो चुके हैं। जबकि शेष को ट्रैप किए जाने की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है।