( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड में मानसून सीजन या फिर कैसी भी आपदा को लेकर SDRF हर पल अलर्ट मोड़ पर है। वही सेनानायक SDRF मणिकांत मिश्रा ने चल रहे बचाव कार्य के बीच उन्हें तेज़ी लाने के आदेश दिए है।
सेनानायक मणिकांत मिश्रा ने अफसरों, जवानों के साथ बृहस्पतिवार को समीक्षा बैठक ली।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे सर्च ऑपरेशन को तेजी से करने, संभावित स्थानों को चिन्हित कर प्रभावी सर्चिंग पर जोर दिया। सरखेत समेत अन्य जगहों पर चले ऑपरेशन में बेहतरीन कार्यों के लिए टीमों की पीठ थपथपाई। आपदा में सरखेत में रिसोर्ट एवं गांवों में फंसे सैंकड़ों लोगों की जिंगदी बचाई है। उन्होंने संयम, कुशल व्यवहार व दक्षता से कार्य करने की प्रेरणा टीमों को दी। बताया कि मानसून सीजन में आपदा को लेकर अलर्ट मोड पर टीमों को रखा गया है। इस दौरान उप सेनानायक अजय भट्ट, सहायक सेनानायक मिथलेश कुमार, कमल पंवार समेत पांचों कंपनी के टूआईसी एवं 38 पोस्ट के प्रभारी मौजूद रहे।
एसडीआरएफ पहुंची तौलिया काटल, अस्थाई पुल बनाए
आपदा के बाद अलग-थलग पड़े टिहरी की सकलाना पट्टी के गांवों में राहत और बचाव कार्य में तेजी आई है। गुरुवार को एसडीआरएफ की टीम तौलिया काटल ग्राम पंचायत क्षेत्र में पहुंची। यहां आपदा के अस्थाई पुल बनाए गए। ग्रामीणों के आवाजाही के लिए रास्ते भी बनाए।
इसके बाद इस इलाके में भी राहत और बचाव कार्य तेज हुआ है। गुरुवार को चौकी कुमालड़ा पुलिस एसडीआरएफ को सूचित किया कि मार्ग अवरुद्ध होने से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में नहीं पहुंचा जा रहा है। सूचना पर एसडीआरएफ वाहिनी मुख्यालय अलर्ट टीम मुख्य आरक्षी अनूप रमोला के नेतृत्व में मौके पर पहुंची। चौकी कुमाल्ड़ा के तौलिया काटल ग्राम पंचायत के आपदा प्रभावित गांव ग्वाली डांडा के लिए चिफल्डी नदी में दो वैकल्पिक मार्ग बनाए। साथ अस्थाई पुल भी बनाए गया। संबंधित क्षेत्रों में आवश्यक राशन सामग्री पहुंचाई गई। उधर सरखेत में एसडीआरएफ इंस्पेक्टर अनिरुद्ध भंडारी की अगुवाई में सर्च ऑपरेशन जारी रहा। यहां अभी भी दो लोग मलबे में लापता हैं।