( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
ग़ाज़ियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से पुलिस ने फर्जी IPS अफसर की गिरफ्तारी की है। आरोपी अमित यादव उर्फ जोगेंद्र सिंह ADM, IPS और इंस्पेक्टर बनकर लोगों से धोखाधड़ी करता था। इस दौरान वह अपने फर्जी पद का रौब दिखाकर लोगों को नौकरी का झांसा देकर उनसे पैसे ऐंठता था। जानकारी मिली है कि उसने नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी की है। इससे पहले आरोपी अमित फ्रॉड करने के दो मामलों में वर्ष 2010 और 2018 में जेल भी जा चुका है। कविनगर थाने के इंस्पेक्टर अमित कुमार ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी फिरोजाबाद जिले के धौसाई गांव का रहने वाला है।
नौकरी के नाम पर ऐंठता था पैसे
पुलिस ने आरोपी के पास से कई फर्जी दस्तावेज और वर्दी जैसे सामान बरामद किए हैं। आरोपी अमित के मोबाइल से कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें वह खुद को पुलिस अफसर बताकर लोगों से ठगी करता था। वहीं नौकरी के नाम पर वह लोगों से पैसे ऐेंठता था। इसके अलावा उसने गाजियाबाद में क्रॉसिंग रिपब्लिक एरिया के पते पर एक फर्जी आधार कार्ड भी बनवा रखा है। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने खुद को पुलिस कॉन्स्टेबल बताकर वर्ष 2006 में शादी की थी। वहीं उसका झूठ पकड़े जाने के बाद वर्ष 2010 में उसकी शादी टूट गई थी। मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने उसे धोखाधड़ी करने के मामले में जेल भेज दिया था।
फर्जी IPS बन जमाता था रौब
इसके बाद साल 2013 में अमित ने एक महिला सिपाही से दूसरी शादी कर ली। इस बार आरोपी ने बताया कि पिता की मौत के बाद उसे आश्रित कोटे से सब इंस्पेक्टर की नौकरी मिली है। जांच के दौरान पता चला कि उसके पिता की मृत्यु ही नहीं हुई है। वहीं साल 2015 में उसने महिला सिपाही को जानकारी दी कि ADM पद पर उसका सिलेक्शन हो गय़ा है। उसे मुरादाबाद में तैनाती मिली है। वहीं साल 2016 में आरोपी ने पत्नी को जानकारी दी कि IPS में उसका चयन हो गया है और साल 2017 में उसने ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद जाने की बात कही। वहीं 20 अक्टूबर 2018 में अमित ने आईपीएस की पासिंग परेड में शामिल होने का नाटक भी किया। वर्ष 2018 के अक्टूबर महीने में अमित ने खुद को IPS बताकर इटावा में स्वागत समारोह आयोजित करवाया।
दो बार पहले भी जा चुका है जेल
इस समारोह में कई इंस्पेक्टर भी शामिल हुए थे। इसके बाद नवंबर 2018 में इटावा पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान अमित को रोक लिया था। इस दौरान उसने खुद को IPS अधिकारी बताया। पुलिस ने शक होने पर जब सख्ती से पूछताछ की तो मामले की सच्चाई सामने आ गई। इसके बाद आरोपी को फिर जेल भेज दिया गया था। पुलिस ने बताया कि आरोपी 12वीं पास है और वह फोटो एडिट करने वाले तमाम सॉफ्टवेयर की अच्छी जानकारी रखता है। ऐसे ही फ्रॉड करके उसने एडिटेड फोटो सबको दिखाई थीं। वहीं पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने चयनित हुए IPS अफसरों के साथ फोटो सेशन करवाया था। इसमें फोटो को एडिट कर आरोपी ने उसमें अपना चेहरा लगा लिया था।

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