( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। वर्ष 2022 के अंतिम चन्द्रग्रहण आज मंगलवार को शाम को लग रहा है। जबकि चन्द्रग्रहण का सूतककाल सूर्योदय के साथ ( सुबह 5 बजे ) ही शुरू हो गया है जोकि ग्रहण ख़त्म तक रहेगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी के अनुसार चंद्रग्रहण के दौरान कई उपाय और सावधानियां बरतने को कहा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं ग्रहण समाप्त होने के बाद भी कुछ उपाय किया जाना अनिवार्य होता है?
कहां कब दिखेगा ग्रहण
* भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण कुछ जगहों पर दिखाई देगा।
* रांची, पटना, सिलीगुड़ी, ईटानगर, कोलकाता और गुवाहाटी में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखेगा।
* अधिकांश हिस्सों में आंशिक चंद्रग्रहण दिखेगा।
* दिल्ली समेत उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में 5:28 बजे चंद्रमा ग्रहण के साथ उदय होगा।
* भारत में 6:20 बजे चंद्रमा ग्रहण से मुक्त हो जाएगा।
* बंगाल के डिब्रूगढ़ में सबसे पहले चंद्रग्रहण शाम 4:17 बजे शुरू होगा।
* पूर्ण चंद्रग्रहण लगभग 5:09 बजे नजर आएगा और 5:11 बजे समाप्त हो जाएगा।
* कोलकाता में ग्रहण 4:52 बजे से दिखना शुरू होगा।
ग्रहण खत्म होने बाद करें ये काम
* चंद्र ग्रहण के खत्म होते ही सूतक भी खत्म हो जाता है।
* ग्रहण खत्म होने के बाद घर के हर कोने में गंगाजल का छिड़काव करें।
* मकान, दुकान, प्रतिष्ठान की साफ सफाई कर अच्छे से धुलाई करें।
* ग्रहण के बाद स्नान जरूर करें।
* अगर स्नान नहीं कर सकते तो अपने ऊपर गंगाजल छिड़क लें।
* खुद भी स्नान कर देवी देवताओं को स्नान कराएं।
* मंदिर की साफ सफाई करें।
* इसके बाद खाद्य पदार्थों पर गंगाजल छिड़क कर उनको शुद्ध करें।
* पवित्र गंगा जल का छिड़काव करने से नकारात्मकता समाप्त होती है और ग्रहण के प्रभाव भी समाप्त हो जाते हैं।
तीन घंटा 40 मिनट तक रहेगा ग्रहणकाल
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी के अनुसार उत्तराखंड में यह चंद्रग्रहण आंशिक रूप में दोपहर दो बजकर 40 मिनट से शाम छह बजकर 20 मिनट पर दिखेगा।
* सूतककाल सुबह पांच बजकर 41 मिनट से शाम ग्रहणकाल तक रहेगा।
* वहीं सूतक तककाल में रोगी, बाल, वृद्ध के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन गर्भवती स्त्री इस दौरान खाना न लें।
* सूतककाल सुबह पांच बजकर 41 मिनट से शाम ग्रहणकाल तक रहेगा।
* वहीं सूतक तककाल में रोगी, बाल, वृद्ध के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन गर्भवती स्त्री इस दौरान खाना न लें।
* सूतककाल सुबह पांच बजकर 41 मिनट से शाम ग्रहणकाल तक रहेगा। वहीं सूतक तककाल में रोगी, बाल, वृद्ध के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन गर्भवती स्त्री इस दौरान खाना न लें।
* सूतककाल सुबह पांच बजकर 41 मिनट से शाम ग्रहणकाल तक रहेगा।
* वहीं सूतक काल तक में रोगी, बाल, वृद्ध के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन गर्भवती स्त्री इस दौरान खाना न लें।
( डिसक्लेमर= इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/मान्यताओं से संग्रहित कर आप तक यह जानकारियां पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज आपतक सूचना पहुंचाना है, आप इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।)