( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। रुड़की के पूर्व मेयर गौरव गोयल समेत उनके परिवार के तीन लोगों के खिलाफ हाईवे बाईपास में अधिग्रहित भूमि का अधिक मुआवजा लेने के आरोप में करीब डेढ़ करोड़ की रिकवरी के नोटिस जारी किए गए हैं। हालांकि नोटिस में इसकी जानकारी नहीं है कि यह किसकी गलती से हुआ है। पूर्व मेयर की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं।
विशेष भूमि अध्यापित अधिकारी हरिद्वार एलआर चौहान की ओर से विगत दस अगस्त को वसूली नोटिस जारी किए गए हैं। पूर्व मेयर गौरव गोयल को जारी किए गए नोटिस में बताया गया है कि ग्रीन फील्ड भारतमाला परियोजना से प्रभावित गांव सालियर साल्हापुर मुस्तहकम की भूमि खसरा संख्या 561 की अधिग्रहित भूमि का प्रतिकर 82 लाख 87 हजार 130 रुपये जारी किया गया है। जबकि उन्हें 36 लाख 81 हजार 507 रुपये का भुगतान किया जाना था।
ऐसे में पूर्व मेयर को 46 लाख 5 हजार 623 रुपये का अधिक भुगतान हुआ है। नोटिस में उक्त धनराशि कार्यालय में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। धनराशि जमा नहीं कराने पर धनराशि की वसूली भू राजस्व की भांति नियमानुसार किए जाने की चेतावनी दी गई है।
वहीं दूसरा नोटिस उनकी पत्नी शालनी गोयल के नाम से जारी किया गया है। इसमें 46 लाख 71 हजार 463 रुपये की रिकवरी जमा कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा पूर्व मेयर के परिवार की प्रभा गोयल को जारी नोटिस में 46 लाख पांच हजार 623 रुपये जमा कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
50 से अधिक को जारी हुए हैं नोटिस, करोड़ों का है मामला
सूत्रों के मुताबिक हाईवे बाईपास निर्माण में एक खसरा संख्या में शामिल 50 से अधिक भूमि स्वामियों को अधिक मुआवजा दिया गया है। इन्हें करोड़ों की रकम ज्यादा मिली है। पूर्व जिलाधिकारी की ओर से इस मामले की जांच कराई गई है। जांच में मामला सामने आने के बाद अब नोटिस जारी किए गए हैं। जिससे विभाग में हड़कंप मचा है।
इस तरह बुना जाता है घोटाले का खेल
जानकारों के मुताबिक बड़े बिल्डरों को यह जानकारी होती है कि एनएच की ओर से किन जमीनों से होकर हाईवे बनाया जाना है। ऐसे में ये बिल्डर उनके खसरा नंबर की जानकारी रसूखदार लोगों को देते हैं। साथ ही इसमें अधिकारियों को भी शामिल कर लिया जाता है। फिर हाईवे की अधिसूचना जारी होने से पहले रसूखदार लोग जमीनें खरीद लेते हैं। यही नहीं इस तरह की जमीनों का मुआवजा सबसे बाद में लिया जाता है और मुआवजे की दर भी नियमों का इस्तेमाल कर बढ़वा ली जाती हैं। इसके बाद मुआवजा हासिल कर मोटी कमाई की जाती है।
..तो ऊधमसिंह नगर की तरह बाहर आएगा घोटाले का जिन्न
भूमि अध्यापित अधिकारी की ओर से नोटिस जारी होने से यह तो साफ हो गया है कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। ज्यादा भुगतान करने के मामले में और कौन लोग शामिल हैं, अभी यह साफ होना बाकी है। सूत्रों की माने तो इसकी गहराई से जांच होती है तो ऊधमसिंहनगर के एनएच घोटाले की तरह ही यहां भी कई चौकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।