( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
रामनगर। पहाड़ों में सर्दियों का मौसम ,हर तरफ हरियाली और जंगल के बीचोंबीच आपको यदि किसी पेड़ पर रात गुजरने का मौका मिले और वह भी नए साल के रोमांच के साथ तो ? जी नहीं, ये कोई मचान जैसा या तकलीफ उठाकर जागने जैसा अनुभव नहीं बल्कि कुदरत की खूबसूरती और शांति के बीच चैन से एक सुविधायुक्त घर में रहने जैसा अनुभव होगा। जी हां, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के एक ट्री हाउस की पहल नैनीताल में की गई है. उत्तराखंड में यह पहली बार होगा कि पेड़ पर करीब 40 फीट की ऊंचाई पर बने घर में आनंद लेने का अनुभव भी पर्यटक ले सकेंगे।
नैनीताल ज़िले के रामनगर में यह ट्री हाउस लगभग तैयार हो चुका है और जनवरी 2022 से पर्यटकों का स्वागत करने के लिए इसे शुरू किया जाएगा। वन अधिकारियों के मुताबिक तराई के पश्चिमी डिविज़न की फाटो रेंज में यह प्रयोग शुरू किया जा रहा है। डिविज़न के एक वन अधिकारी के मुताबिक यह उत्तराखंड में पहला ट्री हाउस होगा। इसमें डबल बेड के साथ ही बाथरूम की सुविधा भी पर्यटकों को मिलेगी। इस घर को बनाने में साल और सागौन की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है और इसकी मज़बूती व सुरक्षा के लिए खास खयाल रखे गए हैं।
क्यों की गई है यह पहल?
रामनगर के फाटो रेंज में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जंगल सफारी भी जल्द शुरू हो सकती है। 24 दिसंबर को इसकी शुभारंभ हो सकती है। वास्तव में, इस तरह के ट्री हाउस के कॉंसेप्ट को उत्तराखंड में अमल में लाने के लिए साल 2021 की शुरुआत में इसकी कोशिशें शुरू हुई थीं। इस ट्री हाउस के बारे में और जानने से पहले ये भी जानिए देश में कुछ राज्यों में यह प्रयोग कैसे चल रहा है।
क्या यह प्रयोग पहले हो चुका है?
ट्री हाउस का कॉंसेप्ट उत्तराखण्ड के लिए नया है पर हमारे देश यह नया नहीं है। मचानों की तर्ज़ पर इन्हें पर्यटन के लिए कुछ राज्यों में बनाया जा चुका है। महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ नेशनल पार्क जैसे पर्यटन स्थलों पर ट्री हाउस में रुकने के विकल्प पहले से हैं। आम तौर से यहां एक रात रहने के लिए पर्यटकों को कम से कम 15,000 रुपये खर्च करने होते हैं। हालांकि हिमाचल में करीब 5000 रुपये में भी यह सुविधा है। तो उत्तराखंड में कैसा होगा ट्री हाउस ? यह तो आने वक्त ही बताएगा।
बुकिंग, किराया और सुविधाएं क्या होंगी?
— जनवरी 2022 से रामगनर के ट्री हाउस के लिए बुकिंग शुरू की जा सकती है।
— अब तक इसके लिए किराया तय नहीं किया गया है।
— किसी को भी एक हफ्ते से ज़्यादा यहां रुकने नहीं दिया जाएगा।
— वन विभाग के रेस्ट हाउस से यहां रुकने वालों को भोजन की व्यवस्था करवाई जाएगी।
इस ट्री हाउस को लेकर मीडिया में आ रही खबरों में उस अधिकारी के हवाले से यह भी कहा गया कि यहां किराये के लिए वन विभाग की एक समिति इस पर विचार कर रही है। वहीं, पर्यटन के हिसाब से जानकारों को उम्मीद है कि जल्द ही उत्तराखंड सरकार पर्यटन के लिए और ट्री हाउस शुरू करने की तरफ बढ़ेगी। यह दूरस्थ इलाकों में पर्यटन को बढ़ाने के लिए एक बढ़िया आइडिया है।