( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड के साथ – साथ उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होने वाले है। ऐसे में साडी राजनैतिक पार्टियों ने अपनी – अपनी तैयारियों को अमलीजामा पहनना शुरू कर दिया है। दो प्रमुख परियो के साथ – साथ आम आदमी पार्टी भी इस बार उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएगी। उत्तराखण्ड की सत्ता वापस पाने के लिए कोंग्रस जहां गहराई से चुनावी मंथन में जुटी हुई है वही भाजपा दुबारा सत्ता में आने को लेकर बेक़रारा है। तो आम आदमी पार्टी भी अपने एक मात्र संकट मोचन के सहरे नैया पार लगाने की फ़िराक में है। इस बीच कांग्रेस जल्द ही राज्य की 70 विधानसभा सीटों में से 45 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर सकती है। बताया जा रहा है कि पार्टी ने इन 45 सीटों पर टिकट बंटवारे के नाम को अंतिम रूप दे दिया है और जनवरी के पहले सप्ताह में ही पार्टी इन नामों की घोषणा कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार, राज्य की कुल 70 में से करीब 20 सीटें ऐसी हैं, जिन पर पार्टी उम्मीदवारों के नाम तय करने को लेकर असमंजस में है। ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों को चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस चुनाव स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय ने हाल ही में कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में कई बैठकें की। समिति के सदस्यों ने पार्टी टिकट के करीब 1,000 दावेदारों से मुलाकात की। इसके बाद दिल्ली में एक बैठक हुई, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रीतम सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी शामिल हुए।
हरीश रावत ने कहा, ‘तीन जनवरी को हमारी स्क्रीनिंग कमेटी की एक और बैठक है और उसके बाद 9 जनवरी को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी।’ पूर्व सीएम ने कहा कि लगभग 45 निर्वाचन क्षेत्रों पर नामों को अंतिम रूप दिया गया है और लगभग दो दर्जन सीटें हैं, जहां पार्टी विभिन्न पहलुओं पर गौर कर रही है। सूत्रों ने बताया कि मौजूदा विधायकों, पूर्व विधायकों और पिछले चुनाव में 5,000 से कम मतों के अंतर से हारने वाले उम्मीदवारों का टिकट पक्का माना जा रहा है।
वहीं हरीश रावत कहां से चुनाव लड़ेंगे, ये पार्टी ने अभी तक साफ नहीं किया है. गौरतलब है कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में हरीश रावत दो सीटों से चुनाव लड़े थे और दोनों ही सीटों पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था ।