( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार ने चर्चाओं पर विराम लगते हुए कहा है कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम बदलकर रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान नहीं किया जा रहा है। इस तरह की चर्चाएं तब शुरू हुई थीं, जब केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने उत्तराखंड स्थित प्रसिद्ध नेशनल पार्क टाइगर रिज़र्व का रविवार को दौरा किया था और विज़िटर बुक में अपनी टिप्पणी में उद्यान का नाम ‘रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान’ लिख दिया था। राज्य के वन मंत्री हरक सिंह रावत ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में कहा कि कॉर्बेट सिर्फ कोई नाम नहीं बल्कि ‘राष्ट्रीय गौरव’ है इसलिए इसे बदलने का सवाल ही नहीं उठता।
रावत ने कहा, ‘कॉर्बेट को कुमाऊं, गढ़वाल या उत्तराखंड जैसी सीमाओं में कैद नहीं किया जा सकता। कॉर्बेट अपने आप में एक इतिहास और किंवदंती होने के साथ ही राष्ट्रीय गौरव का विषय है, जिससे दुनिया भर के लोग प्रेरित होते हैं। पार्क का नाम बदलना न तो व्यावहारिक है और न ही तर्कसंगत… राज्य के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। ’
कैसे शुरू हुई थी चर्चा, जो बन गई विवाद?
केंद्रीय मंत्री चौबे ने जब नेशनल पार्क की विज़िटर बुक में अपनी टिप्पणी लिखते हुए पार्क की प्राकृतिक मनोरम सुंदरता का वर्णन करते हुए पार्क का नाम ‘रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान’ लिख दिया, उसके बाद से यह चर्चा शुरू हुई थी। इस टिप्पणी की कॉपी News 1 Hindustan के पास है। चौबे की इस टिप्पणी के बाद कॉर्बेट पार्क के निदेशक राहुल ने कहा था कि चौबे पार्क के लिए एक ‘भारतीय नाम’ के पक्ष में थे। इस पूरी चर्चा को तथ्यों के साथ News 1 Hindustan ने प्रस्तुत किया था और साथ ही इस पार्क के नाम बदलने से जुड़ा इतिहास भी आपको बताया था।
गौरतलब है कि कॉर्बेट नेशनल पार्क के ट्विटर हैंडल पर भी इससे संबंधित एक ट्वीट किया गया था, जिसमें उल्लेख था, ‘जल्द ही पार्क का नाम बदलकर रामगंगा उद्यान हो सकता है। ’ बहरहाल, अब उत्तराखंड सरकार की तरफ से साफ बयान आने के बाद माना जा रहा है कि इस तरह की चर्चाओं पर विराम लग जाएगा।