( ज्ञान प्रकाश पाण्डेय )
देहरादून। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पंचकर्म विभाग में वेरिकोज वेन के रोगी सफलता पूर्वक इलाज करा कर लाभ उठा रहे हैं । एलोपैथ में जिसका इलाज सिर्फ ऑपरेशन बताया जाता है । यहां पर इस बीमारी का इलाज सिरावेधन विधि से किया जाता है जिससे। रोगियों को कम समय में ही स्थाई आराम मिल।जाता है। अब तक लगभग 50 रोगियों का सफलता पूर्वक इलाज किया जा चुका है ।
विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो आलोक श्रीवास्तव ने News 1 Hindustan से बातचीत में बताया कि यह बीमारी सिराओं में गंदे रक्त के जमा हो जाने से उत्पन्न होती है। जो व्यक्ति लगातार खड़े होकर काम करता है उसमे सिराओ में रक्त का संचार कम हो जाता है और पैरों की शिराओं में रक्त जमा हो जाता है जिससे अत्यधिक पीड़ा, थकान और भारीपन महसूस होता है और व्यक्ति अपना काम करने में असमर्थ हो जाता है ।उन्होंने बताया कि सिरवेधन से शिराओं में जमा दूषित रक्त को निकाल दिया जाता है और शिराओं का संकुचन भी समाप्त हो जाता है जिससे रोगी को कम समय में ही।आराम हो जाता है । रोगी ऑपरेशन से बच जाता है । इस विधि में खर्च भी बहुत कम है और समय भी कम लगता है।
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