( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखंड शासन से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सीनियर आईएएस अधिकारी ने वीआरएस के लिए उत्तराखंड सरकार को आवेदन दिया था जिसको शासन ने मंजूर करते हुए आईएएस अधिकारी मनीषा पंवार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक आईएएस मनीषा पवार पिछले कई महीनों से बीमार चल रही हैं. वीआरएस के पीछे उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था बता दें कि मनीषा पवार 1990 बैच की तेज तर्रार और जुझारू आईएएस अधिकारी मानी जाती रही है।
गौरतलब है कि आईएएस मनीषा पवार के पति उमा कांत पवार भी उत्तराखंड में बतौर आईएएस सेवा दे चुके हैं। 2017 में उन्होंने भी 9 वर्षों की सेवा छोड़कर वीआरएस ले लिया था। वीआरएस लेने के कारण चर्चाओं में रहे थे। मनीषा पवार को उत्तराखंड की नौकरशाही में कड़कदार छवि वाला अधिकारी माना जाता है।
56 वर्षीय मनीषा पवार की सेवा अभी चार साल बाकी है। अपर मुख्य सचिव पद से प्रमोशन पाकर मनीषा पवार के मुख्य सचिव बनने की ज्यादा संभावना थी. ऐसे में बीमारी की वजह से नौकरी को अलविदा कहने का उन्होंने फैसला लिया है।
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