* समाज में रहकर समाज के लिए जीना ही नारद का गुण है: पदम सिंहएक समय राजा उग्रसेन ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा कि ‘हे वासुदेव’ नारदजी के गुण-गान से मनुष्य को देवलोक की प्राप्ति होती है, इससे इतना तो मैं समझता हूं कि नारद सर्व सद्गुणों से सम्पन्न हैं, परन्तु हे केशव ! आप […]