( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने गुरुवार को आदेश जारी कर चाधम यात्रा पर लगी रोक हटा दिया है। पुलिस विभाग ने भी अपनी तैयारियों को लेकर अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार के अनुसार सभी जिला कप्तानों को उचित दिशा निर्देश दे दिए गए हैं और यात्रा का संचालन कोविड प्रोटोकॉल के तहत ही करवाया जाएगा। अशोक कुमार ने बताया कि इस दौरान हर दिन यात्रियों की संख्या को सीमित रखा गया है। साथ ही चारधाम पर आने वाले यात्रियों को कोविड नेगेटिव होने की रिपोर्ट या फिर कोरोना वैक्सीनेशन की दोनों डोज का सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं होने पर उन्हें यात्रा करने की अनुमति नहीं मिलेगी. साथ ही मौके पर भी यात्रियों की कोरोना जांच करवाने का प्रावधान किया गया है।
क्या होंगे नए नियम
अब केदारनाथ में 800, बद्रीनाथ में 1200, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 यात्रियों को ही हर दिन दर्शनों की अनुमति होगी। अब यात्री किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे।
यात्रियों को कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट या फिर कोरोना वैक्सीनेशन की दोनों डोज के सर्टिफिकेट दिखाने होंगे। यात्रियों को फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य कोरोना नियमों का पालन करना होगा, ऐसा नहीं करने पर जुर्माने और सजा का प्रावधान है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी एसएलपी
गौरलतब है कि हाईकोर्ट ने 26 जून को कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोट्र में एसएलपी दायर की थी। लेकिन फिर कुछ दिन पहले ही प्रदेश सरकार ने एसएलपी वापस ले ली गई थी। जिसके बाद गुरुवार को हाईकोर्ट में यात्रा को लेकर निर्णय लिया गया है।
मिलेगी राहत…
हाईकोर्ट की ओर से यात्रा पर लगी रोक हटाए जाने से राज्य सरकार सहित यात्रा से जुड़े व्यवसाइयों को बड़ी राहत मिली है। इससे तीर्थ पुरोहितों और उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले के निवासियों को भी राहत की उम्मीद है जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से यात्रा से जुड़े हैं।