( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा के प्रथम चरण लगभग समाप्ति पर है। यात्रियों की संख्या घटने ही केदारनाथ धाम व पैदल मार्ग पर व्यापारी भी अपने घरों को लौटने लगे हैं, जबकि सैकड़ों की संख्या में घोड़ा-खच्चर संचालक भी अपने घरों को लौट रहे हैं।
अब बरसात के बाद सितंबर महीने में यात्रा का दूसरा चरण शुरू होने पर व्यापारी फिर से अपने प्रतिष्ठानों पर लौट आएंगे। केदारनाथ यात्रा दो चरणों में संपन्न होती है। प्रथम चरण में यात्रा शुरू होने के बाद बीस जून तक रहती है, जबकि यात्रा का दूसरा चरण सितंबर महीने के शुरूआत से यात्रा समाप्ति तक रहता है।
प्रथम चरण में दस लाख से अधिक भक्त पहुंचे
इस बार यात्रा के प्रथम चरण में दस लाख से अधिक भक्त दर्शनों को पहुंचे। रोजाना पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या पूर्व में बीस हजार के आस पास थी, वहीं अब यात्रियों की संख्या दस हजार के आस पास पहुंच गई है। शुक्रवार को केदारनाथ धाम में भक्तों की लाइन सुबह ग्यारह बजे ही समाप्त हो गई थी, जबकि अन्य दिनों देर शाम तक भक्तों की लंबी लाइन रहती थी।
चार हवाई सेवाएं भी अपना बोरिया बिस्तर बांध का लौट चुकी हैं। जबकि अन्य हेली सेवाएं भी जून अंत तक लौट जाएंगी। घोडे़-खच्चर संचालक भी बड़ी संख्या में लौटने लगे हैं। इस बार छह हजार घोड़े खच्चरों का रजिस्ट्रेशन किया गया था, यात्रा सुस्त पड़ने पर अब तक दो हजार से अधिक घोड़ा-खच्चर संचालक वापस अपने घरों को लौट चुके हैं।
घरों को लौटने लगे व्यापारी
आने वाल जून माह के अंत तक बड़ी संख्या में घोड़ा संचालक वापस लौट जाएंगे। घोड़ा संचालक यूनियन के अध्यक्ष अवतार सिंह नेगी ने बताया कि यात्रा सुस्त पड़ गई है, जिससे दो हजार से अधिक घोड़ा-खच्चर संचालक वापस अपने घरों को लौट चुके हैं। वहीं व्यापारी भी लगभग दो महीने की यात्रा के बाद अपने घरों को लौटने लगे हैं।
पूर्व व्यापार संघ केदारनाथ के अध्यक्ष महेश बगवाड़ी ने बताया कि यात्रियों की संख्या कम होने पर व्यापारी भी अपने घरों को जा रहे हैं और सितंबर माह में फिर से आएंगे। तब यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है। केदारनाथ धाम से ही नहीं अपितु पैदल मार्ग व गौरीकुंड, सोनप्रयाग से भी यात्री वापस लौटने लगे हैं।
दिनांक यात्रियों की संख्या
22 जून 9030
21 जून 12688
20 जून 13730
19 जून 10251
18 जून 14180
बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि यात्रियों की संख्या में कमी आई है। जून अंत तक बरसात होने की स्थिति में यात्री प्रत्येक वर्ष कम संख्या में दर्शनों को पहुंचते हैं। सितंबर महीने से फिर से यात्री बड़ी संख्या में दर्शनों को आएंगे।