( सुनील तनेजा / ज्ञान प्रकाश पाण्डेय )
नई दिल्ली / देहरादून। उत्तराखण्ड में शनिवार को एकाएक पर्यवेक्षक के उत्तराखंड पहुंचने के बाद अलबत्ता सियासी चर्चाओं का दौर जारी है। वही पार्टी के सियासी गलियारों में भी पर्यवेक्षक की रिपोर्ट पर केंद्रीय नेतृत्व के अगले कदम को लेकर चर्चाओं का बाजार भले ही गर्म हो। वही चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार को दिल्ली पहुंच गए। जबकि उन्हें गैरसैंण में एक कार्यक्रम में भाग लेना था। इस बीच उनके दिल्ली रवाना होने से देहरादून स्थित भाजपा कार्यालय पर सन्नाटा पसरा हुआ है। वही दिल्ली पहुंचने पर मुख़्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का कहना है कि मई नहीं जनता कि मिडिया क्या कह रहा है या क्या कर रही है ,लेकिन मैंने पार्टी के राष्ट्रिय नेतृत्व से मिलने का समय माँगा है।
वही दूसरी तरफ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत सोमवार को देहरादून स्थित प्रदेश कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कहा कि सब ठीक है। उन्होंने किसी भी तरह के परिवर्तन से साफ इंकार किया है। बंशीधर भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री सामान्य तौर पर दिल्ली गए है। पार्टी में कोई कलह नहीं है। कहा कि 2022 का चुनाव भी त्रिवेंद्र के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने फिर कहा कि जो भी चर्चाएं हो रही हैं, वह मीडिया की उपज हैं। संगठन के स्तर पर ऐसी कोई बात नहीं है। उधर, केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे जाने के बहाने कांग्रेस को निशाना साधने का मौका मिल गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिर ट्वीट कर तंज किया कि ‘उत्तराखंड भाजपा में सत्ता की खुली लड़ाई, चिंताजनक स्थिति बयान कर रही है। कुछ उजाड़ू बल्द जिनको भाजपा पैसारूपी घास दिखाकर हमारे घर से चुराकर ले गई, उसका आनंद अब भाजपा को भी आ रहा है।
इनमें से कुछ बल्द तो उज्याड़ू ही नहीं हैं, मारखोली भी हैं। उन्होंने लिखा कि भाजपा ने जो बोया, उसको काटना पड़ेगा। 2017 में केवल मुझको काटना पड़ा।’ वहीं, इस बीच मुख्यमंत्री के दिल्ली जाने की चर्चाएं भी होती रहीं। ( साभार – ANI )