( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून / हरिद्वार । जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर की महिला कांस्टेबल मंजीता आत्महत्या प्रकरण की जौनसार-बावर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों ने सीबीसीआईडी जांच कराए जाने की मांग की है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन भेजा है। इस बीच हरिद्वार से खबर आई है कि महिला सिपाही के आत्महत्या मामले में एसएसपी हरिद्वार ने आरोपी सिपाही को सस्पेंड कर दिया है।
इन लोगों का कहना है कि जौनसार-बावर के भाटगढ़ी निवासी मंजीता उत्तराखंड पुलिस में हरिद्वार जनपद के थाना झबरेड़ा में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थी, जिसकी कुछ दिनों पूर्व रहस्यमय तरीके से हरिद्वार उनके आवास पर फांसी लगाकार आत्महत्या होना बताया गया है, जोकि उनके परिजनों व क्षेत्रवासियों को संदिग्ध लग रहा है। उनका कहना है कि इस प्रकरण की सत्यता यह बताई जा रही है कि झबरेड़ा थाना प्रभारी व मुंशी द्वारा महिला कांस्टेबल मंजीता को मानसिक व शारीरिक रूप से परेशान व तंग किया जा रहा था।
संज्ञान में आया है कि मंजीता का ट्रांसफरर झबरेड़ा से रूड़की होने के बाद भी उसे रिलीव नहीं किया गया, जिससे झबरेड़ा स्टाफ की मानसिकता स्पष्ठ होती है। इस परेशानी से तंग आकर महिला कांस्टेबल लंबे समय से परेशान थी। आहत होकर उसने जान देने तक का कदम उठाया। उनका कहना है कि मंजीता प्रकरण आत्महत्या नहीं बल्कि साजिश के तहत कराई गई हत्या है, जिसकी जांच सिविल पुलिस से न कराकर सीबीसीआईडी से कराई जाए, ताकि मंजीता के परिजनों को न्याय मिल सके। आरोपी थानाध्यक्ष व सिपाही के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाए। उनका कहना है कि इस घटना से जनजाति क्षेत्र के लोग बेहद दुखी हैं और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न होने से लोगों में रोष व्याप्त है। यदि इस प्रकरण में तत्काल कोई कार्यवाही नहीं हुई तो क्षेत्र के लोग आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
वही एसएसपी हरिद्वार ने महिला कांस्टेबल के परिजनों के आरोप के बीच झबरेड़ा थाने में तैनात आरोपी सिपाही को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही पुलिस ने तहरीर के आधार पर सिपाही खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और एसी एसटी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।