( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
यमनोत्री। उत्तराखंड राज्य सरकार ने बुधवार से चारधाम यात्रा का श्रीगणेश कर दिया है ,लेकिन चारों धामों में सन्नाटा पसरा पड़ा है । दरअसल चार धामों के तीर्थ पुरोहित एवं हकहकूकधारी सरकार के इस फैसले के खिलाफ हैं। उनका मानना है की कोरोना संक्रमण की चलते यात्रा शुरू नहीं की जानी चाहिए। दूसरी तरफ बदरीनाथ स्थित ब्रहमकपाल के तीर्थ पुरोहितों ने भी श्राद्ध करने से इंकार कर दिया है।
उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा तो शुरू कर दी लेकिन बद्रीनाथ, केदारनाथ ,गंगोत्री व यमुनोत्री की तीर्थ पुरोहित एवं इन मंदिरों से जुड़े हक हकूक धारी इस यात्रा के विरोध में खड़े हो गए हैं। उनका साफ तौर पर कहना है कि जब तक स्थितियां अनुकूल नहीं होती हैं ,तब तक यात्रा संचालित नहीं की जानी चाहिए। उनका कहना है कि इससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
इधर चार धामों के व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी बंद पड़े हैं ।धामों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा पड़ा है । गंगोत्री धाम के व्यापार संघ अध्यक्ष सतेन्द सेमवाल का कहना है कि जब ग्रीन जोन था तब सरकार ने यात्रा शुरू नहीं की और अब जब संक्रमण का खतरा बढ़ गया है तब यात्रा शुरू की जा रही है उन्होंने कहा कि आर्थिक हित से ज्यादा उन्हें अपना जीवन है।
चार धाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के प्रवक्ता डॉ बृजेश सती ने बताया कि आज से देवस्थानम बोर्ड एवं यात्रा शुरू करने के विरोध में यमुनोत्री धाम में भी क्रमिक धरना शुरू हो गया है । उन्होंने बताया कि बदरीनाथ स्थित ब्रह्म कपाल केतीर्थपुरोहितों ने श्राद्ध कार्य न करनेका निर्णय किया लिया है । केदारनाथ तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने बताया की तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी का धरना 19 दिन भी जारी रहा उन्होंने कहा कि वह चार धाम यात्रा का विरोध करते हैं। कहां की गोरी कौन से लेकर केदारनाथ यात्रा मार्ग में यात्रियों के लिए कोई बुनियादी सुविधा नहीं है जिससे उनको दिक्कतें हो सकती हैं।
यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल एवं अनुरुद्ध उनियाल ने बताया कि आज से मां यमुना के शीतकालीन पूजा स्थल खरसाली में देवस्थानम बोर्ड एवं यात्रा शुरू करने के विरोध में धरना शुरू हो गया है।