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Exclusive : बिन मांगे मिली सौगात से  हरिद्वार शहर आया खतरे की जद में ! आखिर कैसे ? जाने 

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* शहर में चल रही भूमिगत विद्युत परियोजना में करोड़ों का घोटाला। 

( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

हरिद्वार। धर्म नगरी को बिन मांगे मिली भूमिगत विद्युतीकरण योजना की सौगात भले ही हरिद्वार शहर खतरे की जद में क्यू ना हो पर लाइन डालने के काम में जम कर घपला किया जा रहा है। अपने चुनाव क्षेत्र वाराणसी की भांति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्त्वाकांक्षी भूमिगत विद्युतीकरण की योजना में धर्मनगरी  हरिद्वार भी शामिल है। भूमिगत विद्युतीकरण की इस योजना में हरिद्वार में करोड़ों का घोटाला भी भूमिगत किया जा रहा है। अनियोजित विकास वाले हरिद्वार शहर की संकरी सड़कों तथा संकरी लिंक गलियों में ड्राइंग, मानकों को धत्ता बताते हुए शहर की सुरक्षा को खतरे में डालकर बिजली की केबिल डाली जा रही है।अनियोजित विकास की बात खुल कर संत महात्मा और कई व्यापारी नेता भी कर रहे है।अनियोजित विकास के कारण ही विवेक विहार में  भूमिगत विद्युत योजना की खुदाई में गैस पाइप लाइन में रिसाव के चलते आग लग गई थी। जिसकी जांच चल रही है। दूसरी तरफ हरकी पौड़ी गिरी पर दीवार भी इसी का हिस्सा ना हो। इससे इंकार नहीं किया जा सकता है ! यह तो जिलाधिकारी द्वारा गठित जाँच कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही खुलासा हो सकेगा। परन्तु इसका खुलासा लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता दीपक कुमार द्वारा उत्तराखंड पावर कारपोरेशन के अधिशासी अभियंता को जून में भेजें गए पत्र से होता है।

इसमें उन्होंने 8 जून को कलेक्ट्रेट में एडीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक का उल्लेख करते हुए भूमिगत विद्युतीकरण के लिए रोड कटिंग की शर्तों का उल्लेख किया है। जिसमें कहा गया कि 33kv, 11 केवी एवं 400kv की विद्युत लाइनों को भूमिगत एक समय में 100 मीटर रोड कटिंग कर लाइन डाली जाए और उसको ठीक करने के बाद फिर आगे 100 मीटर रोड कटिंग की जाए लेकिन इस शर्त की धज्जियां उड़ाते हुए पावर कारपोरेशन की कंपनी अपनी मनमानी से काम कर रही है।पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता ने रोड कटिंग की अनुमति शर्त संख्या 10 में स्पष्ट किया है कि ड्राइंग तथा मानकों के अनुसार केवल एवं पाइप को भूमि के अंदर 4 से 5 फीट नीचे डाला जाए। शहर की सुरक्षा के लिए यह शर्त महत्वपूर्ण है लेकिन पूरे शहर में इसका पालन नहीं किया गया है।संकरी सड़कों व गलियों में डेढ़ से 2 फीट की गहराई में ही 33केवी 11 केवी 400 केवी की केबिल पाइप डाला गया है। 

यूपीसीएल के ठेकेदार ने अधिकारियों की सांठगांठ से न केवल  2 से 3 फीट गहराई की खुदाई का पैसा बचाया है अपितु मानकों के विपरीत डेढ़ से दो फीट पर गेल की गैस पाइपलाइन के ऊपर बिजली की केबल डाल कर शहर की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। पावर कारपोरेशन कुंभ क्षेत्र में 146 किलोमीटर भूमिगत विद्युतीकरण का कार्य करा  रहा है। यूपीसीएल के राजनीतिक पहुंच वाले ठेकेदार ने सड़कों पर अपने रिंगमेन यूनिट तथा उपभोक्ताओं को कनेक्शन जोड़ने लिए जंक्शन बॉक्स सड़कों और गलियों में बिना बेस के एक -एक ईंट पर टिका दिया है। कई  स्थानों पर तो जंक्शन बॉक्स चालू होने से पहले ही टूट गए हैं। कहीं कहीं तो जंक्शन बॉक्स लगने से सड़कें भी संकरी हो गई है । जबकि इस योजना से पूर्व  हाई कोर्ट के आदेश पर सड़कों का चौड़ीकरण किया गया था। यह चर्चा है कि यूपीसीएल की भूमिगत विद्युतीकरण का कार्य करने वाले कंपनी का संबंध गुजरात और  दिल्ली के सत्ता के गलियारों से है इसलिए उसके लोग स्थानीय स्तर पर  किसी की सुनते भी नहीं और उसके काम में दखल नहीं देने की भी उपर से हिदायद दी गई है।ऐसे में धर्म नगरी का आने वाला समय कितना सुरक्षित होगा यह कहना मुश्किल है ?

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