( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हल्द्वानी। उत्तराखण्ड के हल्द्वानी में 9 माह की गर्भवती महिला ने फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी। वह महज 20 वर्ष की थी।
यह खबर सुनकर हर किसी की आंखें नम हो जा रही हैं। बस कुछ ही वक्त में एक नई जिंदगी की किलकारियों से घर गूंज जाता और पूरे घर का माहौल खुशनुमा हो जाता। लेकिन इससे पहले ही बच्चे और उसकी मां की गलत फैसले ने जान ले ली और सब कुछ बर्बाद कर दिया। हादसा हल्द्वानी के ओखलकांडा का बताया जा रहा है। यहां एक महिला ने हल्द्वानी में फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी। बताया जा रहा है कि वो 9 माह की गर्भवती थी। मां की मौत से गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई। खुदकुशी के कारण का पता नहीं चल सका है। पुलिस का कहना है कि ओखलकाड़ा के मुक्तेश्वर निवासी 20 वर्षीय मुन्नी देवी पत्नी ईश्वरी राम का विवाह एक साल पहले हुआ था। कुछ महीने पहले दंपती शिव शक्ति विहार कुसुमखेड़ा में किराये के मकान में रहने लगा था। ईश्वरी राम एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था।
मंगलवार देर शाम वह घर पहुंचा तो पत्नी फंदे से लटकी हुई थी। चौकी इंचार्ज ने बताया कि स्वजन खुद ही शव को फंदे से उतारकर निजी अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर स्वजनों को सौंप दिया। मौत के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है। मृतका नौ माह की गर्भवती थी। फंदे पर झूलने से उसकी भी गर्भस्थ शिुशु की भी मौत हो गई। हर कोई बस एक ही सवाल कर रहा है कि आखिर गर्भवती की क्या मजबूरी रही थी उसने अपने 9 महीने के अजन्मे बच्चे और खुद की जान ले ली।नौ माह तक नवजात के लिए मां ने क्या कुछ नहीं किया होगा। बच्चे के होने पर उसने कई सपने भी संजोए होंगे। आखिर ऐसी क्या मजबूरी रही होगी कि उसे जान देनी पड़ गई। इस पूरे हादसे के बाद से मृतका के घर में परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है।