* अनलाक-1 में दून के लिए अलग नियम कानून क्यों =किशोर उपाध्याय
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। क्या राजधानी दून रेड जोन ेमें है? अगर नहीं तो फिर राज्य सरकार ने दून के होटल-माल और मंिन्दरों सहित जिम को खोलने की अनुमति क्यों नहीं दी? सरकार या तो दून को रेड जोन में घोषित करे या फिर होटलकृरेस्टोरेंट व माल को खोलने की अनुमति दे।
कांग्रेस के पूर्ब प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि अनलाक-1 में दून के लिए अलग नियम कानून क्यों? यह किसी की भी समझ से परे है। ऐसा लगता है कि केन्द्र सरकार ने राज्यों को फैसले लेने का अधिकार क्या दे दिया इन राज्य सरकारों द्वारा अब एक पैरनल सत्ता चलायी जा रही है। केन्द्र की अपनी गाइडलाइन है, राज्य सरकारों की अपनी अलग, जिला प्रशासन की अलग। हो सकता है कि आने वाले समय में पार्षद भी अपनी अलग गाइडलाइन बनाने लगेंगे। होटल-रेस्टोरेंटो की जो नई गाइडलाइन है उनमें कहा गया है कि होटलों में ठहरने वाले यात्री होटल से बाहर नहीं जायेगें और न ही बाहर से कोई आकर उनसे मिल सकेगा।
तब क्या पर्यटक और तीर्थयात्री इन होटलों में सिर्फ सोने के लिए आयेंगे। सोना ही है तो फिर वह अपने घरों में ही सो सकते है। उन्हे यात्रा और घूमने फिरने आने की जरूरत क्या है? क्यों वह अपना समय और पैसा बर्बाद करेंगें?किशोर ने कहा कि यह हास्यापद बात है कि तमाम राज्य सरकारों द्वारा ऐसे ऐसे फैसले लिये जा रहे है जैसे वह राज्य की सरकार नहीं खुद एक स्वायत्तशील राष्ट्र हो जिन्हे अपने लिए नियम कानून बनाने का पूरा अधिकार हो। कोई सीमाएं सील कर रहा है तो कोई अस्पतालों में इलाज पर पाबंदियंा लगा रहा है। क्या यह लोकतंत्र का नया माडल है। जहंा राज्यों को अपनी मनमानी करने की छूट है।