( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में हुए हेलीकॉपटर हादसे के कई सवाल उठने स्वाभाविक है। परन्तु जो हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस हुआ उअसकी कमान अनुभवी हाथो में थी बावजूद मंगलवार को केदारनाथ धाम में एक बड़ी हेली दुर्घटना हो गई। इस दुर्घटना ने केदारनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों के लिए सुरक्षित हेली सेवा उपलब्ध कराने पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
2018 से उड़ा रहे थे आर्यन एविएशन कंपनी का हेलीकाप्टर
आर्मी एविएशन से सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल सिंह वर्ष 2018 से आर्यन एविएशन कंपनी का हेलीकाप्टर उड़ा रहे थे। मंगलवार सुबह भी आम दिनों की भांति उन्होंने गुप्तकाशी के नाला हेलीपैड से केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भरी थी। लेकिन, वहां से वापस लौटते हुए हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
दो बड़े धमाके हुए और फिर लगी आग
प्राथमिक रूप में दुर्घटना का कारण मौसम का प्रतिकूल होना बताया जा रहा है। हालांकि हेलीकाप्टर के इंजन में खराबी से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दो बड़े धमाके हुए और फिर हेलीकाप्टर में आग लग गई।
4800 घंटे हेलीकाप्टर उड़ाने का था अनुभव
पायलट अनिल सिंह को लगभग 4800 घंटे हेलीकाप्टर चलाने का अनुभव था। इसके बावजूद यह दुर्घटना कैसे घटित हुई, यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। हेली कंपनियों में वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर कार्य कर चुके अनिल बिष्ट बताते हैं कि पायलट अनिल सिंह के पास पर्याप्त अनुभव था।
आर्मी एविएशन से सेवानिवृत्त होने के बाद वह बीते चार साल से केदारनाथ धाम के लिए नियमित उड़ान भर रहे थे। उन्हें यहां के मौसम व पहाड़ियों के बारे में अच्छी जानकारी थी।
अनिल सिंह थे एक कुशल पायलट
प्रभातम एविएशन में पायलट रहे कैप्टन पीके छावड़ी ने भी इस दुर्घटना पर दुख जताते हुए कहा कि अनिल सिंह एक कुशल पायलट थे। लगभग पांच हजार घंटे उड़ान का अनुभव उनके पास था। इसके बाद भी यह अनहोनी घट गई।
सुरक्षित हेली सेवा बड़ी चुनौती
वहीं अब आने वाले दिनों में केदारनाथ धाम के लिए सुरक्षित हेली सेवा उपलब्ध कराना सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। केदारनाथ धाम के आसपास बीते लगभग दस साल में आठ से अधिक छोटी-बड़ी हेली दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जो कि हेली सेवाओं के संचालन पर तमाम सवाल खड़े करती हैं।