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कोरोना वायरस की जंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अप्रैल दिन रविवार को दीपदान के लिए चुना।  आखिर क्या है इसका रहस्य ? जाने

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*  अन्धकार रूपी करोना फैलने से सूर्य और गुरु के संबंधों से करोना से लडने में मदद मिलेगी। (ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

हरिद्वार।  एक प्रश्न आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीख 5 ही क्यों चुनी ?रविवार ही क्यों चुना? 9 बजे का वक्त ही क्यों चुना? 9 मिनट का समय ही क्यों चुना ?  आइये इसका ज्योतिषीय सम्बन्ध जानते है , देश के प्रसिध्द ज्योतिषाचार्य ,हरिद्वार स्थित नारायणी शिला मन्दिर के अधिष्ठाता पंडित मनोज त्रिपाठी द्वारा  पीएम मोदी के 5 अप्रैल के दीपक जलाने के कार्यक्रम का किया गया ज्योतिषीय विश्लेषण ।  

पंडित मनोज त्रिपाठी , ज्योतिषाचार्य – नारायणी शिला मन्दिर ,हरिद्वार


पंडित मनोज त्रिपाठी के अनुसार यह अंक-ज्योतिष के आधार पर देखा जाय तो अति महत्वपूर्ण एवं विचारणीय विषय है। 9 अंक बृहस्पति का है जिसकी राशि धनु है जो कंठ का स्वामी है।  आपको बता दें कि करोना वायरस का प्रमुख लक्षण फेफड़ा, फ्लू , खासी ही होता है।अर्थात गले से ही फैलता है। वही  5 अंक सिंह राशि है जो सूर्य की राशि है। जब सूर्य व बृहस्पति एक होते है तो प्रवल तेज का संकलन होता है। अन्धकार रूपी करोना फैलने से सूर्य और गुरु के संबंधों से करोना से लडने में मदद मिलेगी। आपको बता दें कि जो लोग निराशावादी हो गए हैं उससे  लोगो को शांति मिलेगी।

करोड़ों दीपक सूर्य को देंगे बल
रविवार सूर्य का दिन होता है। सूर्य नवग्रह का अधिपति है। समस्त ग्रह सौर ऊर्जा से ही प्रभावित हैं। सूर्य दीपक या प्रकाश का प्रतीक है, अतः 5 अप्रैल को रात्रि 9 बजे  9 मिनट तक यमघण्ट काल को करोड़ों प्रज्वलित दीपक सूर्य को बल प्रदान करेंगे। चन्द्रमा अमृत-वृष्टि के लिए होगा बाध्य
नौ का अंक मंगल ग्रह का प्रतीक है।

 मंगल सौरमंडल का सेनापति होने के कारण महामारी अन्धकार को नष्ट करने में सूर्य का अपूर्व सहयोग करेगा। रात्रि या अन्धकार शनि का प्रतीक है और शनि सूर्य से अर्थात् अन्धकार प्रकाश से दूर होता है। अतः रविवार 5 अप्रैल को जो पूर्णिमा के नज़दीक की तिथि है, उस दिन चन्द्र की मज़बूती के लिए सभी प्रकाश बन्द कर दीपदान करना चन्द्रमा को अमृत-वृष्टि के लिए बाध्य करेगा। सूर्य को जागृत करने का सार्थक प्रयास ,चौघड़िया (मुहूर्त) अमृत की रहेगी। होरा भी उस वक़्त सूर्य का होगा। अतः इस दीपदान प्रक्रिया से शनि-काल में भी ऊर्जा के स्रोत सूर्य को जागृत करने का सार्थक प्रयास होगा।9/9 पर मंगल-सूर्य साथ होंगे, जो मेष राशि की ओर जाते हुए विषाणु जनित व्याधि को नष्ट करने में पूर्ण सक्षम होंगे। अतः इस दृष्टि से भी सूर्य-मंगल की सकारात्मकता के लिए भी दीपदान आवश्यक है। शनि-राहु रूपी अन्धकार (कोरोना महामारी) को उसी के शासन-काल में बुध, सूर्य, चन्द्र और मंगल मिलकर नष्ट करने का संकल्प लेंगे। वर्तमान प्रमादी नाम सम्वत्-2077 का अधिपति बुध, मंत्री-चन्द्रमा, रक्षा-मंत्री मंगल तथा फलेश (फलदाता) सूर्य हैं। ऐसे में दीपदान से कोराना जैसे अंधकार को दूर करने में मदद मिलेगी।

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news1 hindustan
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