( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता मुन्ना सिंह चैहान ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस द्वारा जिला योजना में आवंटित धन राशि को खर्च करने का अधिकार प्रभारी मंत्री के मार्गदर्शन में जिलाधिकारी को दिए जाने पर आपत्ति जतायी है और बहुत अति रंजीत तरीके से पूरी व्यवस्था पर ही गंभीर आरोप लगा दिये। कांग्रेस का यह कहना कि यह निर्णय तानाशाही वाला है और इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा नितांत गैर जिम्मेदाराना और काल्पनिक है। सभी जानते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 24र्3 क् के तहत जिला योजना समिति का गठन किया जाता है जिसके लिए राज्य में एक अधिनियम पहले ही विद्यमान् है और इससे संबंधित विधेयक को भी भाजपा सरकार के पूर्व कार्यकाल में ही पारित किया गया था। इस अधिनियम की व्यवस्था के अनुसार जिला योजना समिति के कम से कम 4 ध्5 जिला पंचायत एवं स्थानीय निकायों के निर्वाचित सदस्यों में से ही चुने जाते हैं। जिला योजना समिति के निर्वाचन एवं दायित्व व अधिकार संविधान के अनुच्छेद 243 ज्ञ (एक) के तहत गठित राज्य निर्वाचन आयोग को है ना कि सरकार को।
मुन्ना सिंह चैहान ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की प्रक्रिया समय पर प्रारंभ कर दी थी, नामांकन से लेकर नाम वापसी तक की प्रक्रिया संपादित भी हुई परंतु कोविड -19 के कारण जनता कर्फ्यू तथा उसके बाद लॉकडाउन की असाधारण परिस्थितियों के कारण निर्वाचन आयोग ने जिला योजना समिति के निर्वाचन की प्रक्रिया को आगे रोक दिया। ऐसी स्थिति में आरोप प्रत्यारोप लगाने से एक संवैधानिक संस्था निर्वाचन आयोग की दक्षता व निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न लगाना होगा जो कि अनुचित है। समझना चाहिए कि सरकार कोविड-19 हेल्थ इमरजेंसी के कारण यह अस्थाई व्यवस्था इसलिए की है कि जिला योजना समिति के गठन के अभाव में नितांत आवश्यक जनहित के कार्यों को सम्पादित कराए जा सके जहाँ तक कांग्रेस का यह कोई आरोप है कि इससे भ्रष्टाचार पनपेगा तो यह नितांत मनगढ़त है क्योंकि जिला योजना समिति केवल विभागों को परिव्यय का निर्धारण एवं योजनाओं का चयन करती है परंतु कार्यदायी संस्था नहीं है। व्यय पूर्व की भॉति संबंधित विभागों के माध्यम से ही होगा कांग्रेस हमेशा की तरह आपदा की इस कठिन समय में अनावश्यक इस मुद्दे पर संकीर्ण राजनीति कर रही है।