( नवीन कुमार )
हरिद्वार। सशस्त्र प्रशिक्षण केंद्र हरिद्वार में सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक पूरण सिंह रावत के द्वारा प्रधान आरक्षी नागरिक पुलिस पदोन्नति प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 245 प्रशिक्षुओं को जनता से पुलिस का व्यवहार और सकारात्मक व्यक्तित्व विकास से सम्बंधित उपयोगी व्याख्यान दिया गया। व्याख्यान से पहले मोहन लाल पुलिस उपाधीक्षक प्रशिक्षण द्वारा रावत का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत और अभिवादन किया गया।
ततपश्चात पुलिसजनों का जनता से व्यवहार सम्बंधित विषय पर बोलते हुए रावत द्वारा अपने व्यवहारिक अनुभवों पर आधारित व्याख्यान के दौरान बताया गया की पुलिस को जनता से व्यवहार करते समय अपने आपको शासक मानने के बजाए जनता का सेवक एवं रक्षक समझते हुए व्यवहार करना चाहिए। जब भी कोई जनता का पीड़ित व्यक्ति आपके पास अपनी समस्या लेकर आये तो सदैव यह कल्पना करें की यदि उस पीड़ित व्यक्ति की जगह आप स्वंय होते तो पुलिस से किस प्रकार के व्यवहार और सहायता की अपेक्षा करते।
उंसके बाद पीड़ित व्यक्ति से आप वही व्यवहार करें जिसकी आप स्वंय के लिये उम्मीद कर रहे हैं।व्यक्तित्व विकास के सम्बंध में रावत द्वारा उदाहरण देते हुए बताया गया कि एक समय ऐसा था कि जब पूर्वी जर्मनी की ओलंपिक खेलों की टीम अपनी जनसंख्या के अनुपात में दुनिया में सर्वाधिक ओलंपिक पदक जीतती थी। जब कारणों का पता किया गया तो ज्ञात हुआ कि जर्मनी की टीम के कोच और सहयोगी स्टाफ अपने खिलाड़ियों का हमेशा उत्साह वर्धन करते हुये लगातार मनोबल बढ़ाते रहते थे और उन्हें बोलते रहते थे कि आप दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हो और इस बार आपकी स्पर्धा का स्वर्ण पदक आपको ही मिलेगा। इसी प्रकार खिलाड़ी भी आपस में एक दूसरे को सकारात्मक रूप से ओलंपिक प्रतियोगिता के लिये प्रोत्साहित करते रहते थे, जिस वजह से सभी खिलाड़ी प्रतियोगिता के दौरान बिना किसी मानसिक दबाव को महसूस किए पूरे आत्मविश्वास के साथ प्रतिभाग करते और सर्वाधिक पदक जीतते थे। इस कहानी के माध्यम से रावत ने समझाया कि हमे हमेशा अपना व्यवहार सकारात्मक रखना चाहिए क्योंकि सकारात्मक व्यक्ति अपने आस पास का माहौल सकारात्मक ऊर्जा से भरकर रखता है, जिससे स्वयं और दूसरों की कार्यक्षमता में व्रद्धि होती है।
इसके अतिरिक्त रावत के द्वारा बताया गया कि सभी इंसानों के दिमाग का वजन लगभग समान होता है परंतु कोई अपने जीवन मे कितना आगे बढ़ेगा ये बात यह तथ्य तय करता है किसने अपने दिमाग के कितने प्रतिशत हिस्से का इस्तेमाल किया। अल्बर्ट आइंस्टीन ने अभी तक सर्वाधिक अपने दिमाग का इस्तेमाल किया है और एक से बढ़कर एक बेमिसाल खोज एवं रिसर्च की। इसलिए किसी का पद या पैसा उसकी उन्नति के रास्ते प्रशस्त नही करता बल्कि उसके अपने दिमाग के अधिकाधिक इस्तेमाल की क्षमता उंसके उन्नति के रास्ते खोलती है। रावत द्वारा इसी प्रकार अपनी पुलिस सेवा से जुड़े अनेक संस्मरणों के माध्यम से प्रशिक्षुओं का ज्ञानवर्धन किया और उन्हें उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।संस्थान की उपप्रधानाचार्या सुश्री अरुणा भारती के द्वारा रावत जी का व्याख्यान के रूप में दिए गए उनके अमूल्य समय के लिये धन्यवाद और आभार ज्ञापित किया गया और भविष्य में भी इसी प्रकार मार्गदर्शन करते रहने की अभिलाषा प्रकट की। व्याख्यान के दौरान निरीक्षक सजंय चौहान, प्रतिसार निरीक्षक नरेश जखमोला, एच0डी0आई0 संदीप नेगी, सूबेदार मेजर राजेन्द्र प्रशाद लखेड़ा आदि मौजूद रहे।
सुरक्षित रहें , स्वस्थ रहें।
Stay Safe , Stay Healthy
COVID मानदंडों का पालन करें जैसे मास्क पहनना, हाथ की स्वच्छता बनाए रखना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना आदि।