( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। Uksssc पेपर लीक मामले में पकडे गए नक़ल माफियाओं द्वारा सारा पैसा उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में व्यापार और प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट किया है। यह बात गिरफ्तार किये गए आरोपियों से पूछताछ में पता चला है। इसकी जाँच के लिए STF की चार टीम उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के अलग – अलग जिलों में भेजी गई है।
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, 30 लोगों की गिरफ्तारी और कई आरोपियों से पूछताछ के बाद यह तथ्य सामने आया। पेपर बेचकर जो लाखों-करोड़ों की संपत्तियां आरोपियों ने कमाई, उसे प्रॉपर्टी और कई तरह के कारोबार में लगाया गया। अब यह जांच की जा रही है कि यह पैसा किस व्यापार और किस प्रॉपर्टी में लगाया गया। इसके लिए कई शहरों में टीमें भेज दी गई हैं। जो भी लोग इनके साझेदार होंगे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
बड़े नकल माफियाओं पर गैंगस्टर में कार्रवाई होगी
सिंह के अनुसार, जल्द ही कुछ बड़े नकल माफियाओं पर गैंगस्टर लगाई जाएगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके अलावा इनकी अवैध रूप से जोड़ी संपत्तियां भी जब्त की जाएंगी। इसके लिए भी इनकी सारी संपत्तियों का पता लगाया जा रहा।
एसटीएफ ने गिरफ्तार इंजीनियर को रिमांड पर लिया, धामपुर ले जाकर होगी पूछताछ
भर्ती घपले में जेई ललित राज शर्मा को एसटीएफ ने एक दिन की रिमांड पर लिया। उससे बिजनौर के धामपुर में ले जाकर पूछताछ की जाएगी। धामपुर में जिस मकान को नकल सेंटर बनाया गया था, वह भी ललित का ही था।
आपको बता दें कि केंद्रपाल और हाकम सिंह रावत ने धामपुर में एक नहीं, कई बार नकल कराई है। इस नकल सेंटर पर स्नातक स्तरीय परीक्षा में भी लगभग 100 अभ्यर्थियों को नकल कराई गई थी। ललित राज शर्मा ने भी यूपी के दर्जनों अभ्यर्थियों को यहां नकल कराई थी। अपनी गाड़ी से परीक्षा केंद्रों तक ले गया। बताया जा रहा कि उसकी पत्नी यहां एक निगम में इंजीनियर है। वह भी गत 2015 में भर्ती हुई थी। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस मामले में अभी उससे बहुत पूछताछ की जानी है।
प्रधान संगठन भर्तियों की सीबीआई जांच के पक्ष में
ग्राम प्रधान संगठन नैनीडांडा ने सीडीओ पौड़ी के जरिये राज्यपाल को ज्ञापन भिजवाया। उन्होंने उत्तराखंड में हुई भर्तियों की सीबीआई जांच करवाने की मांग उठाई। अध्यक्ष देवेंद्र रावत ने कहा कि उत्तराखंड के मेहनत वाले युवाओं का चयन नहीं हो रहा है।