( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। Uksssc की स्नातक स्तरीय संयुक्त परीक्षा का पेपर उत्तरा प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक प्राइवेट कंपनी के मालिक ने लगभग दो करोड़ रूपये में बेचा था। Stf ने इस मामले में लखनऊ निवासी राजेश चिह्न को गिरफ्तार कर लिया है।
उधर , एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि बिजनौर के धामपुर निवासी केंद्रपाल और हाकम सिंह समेत कुछ लोगों ने राजेश चौहान को उसके रिश्तेदारों एवं दोस्तों के जरिये दो करोड़ रुपये दिए।
पेपर भेजने के लिए टेलीग्राम का होता था इस्तेमाल
कंपनी के कर्मचारी अभिषेक ने टेलीग्राम के जरिये दून में कर्मचारी जयजीत को पेपर भेजा, जो नकल गिरोह तक पहुंचाया गया। धामपुर में जेई ललित राज शर्मा के मकान में पेपर हल करवाया गया।
उन्होंने बताया कि कंपनी मालिक के रिश्तेदारों की गिरफ्तारी को दबिश दी जा रही है। राजेश के रिश्तेदार ने केंद्रपाल से मिलवाया एसटीएफ के अनुसार, आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस कंपनी के मालिक राजेश चौहान निवासी जानकीपुरम लखनऊ को केंद्रपाल से उसके रिश्तेदार ने ही मिलवाया था। उन्हीं रिश्तेदारों के माध्यम से 20, 25 और 30 लाख रुपये नगद दिए।
दो करोड़ में पेपर खरीदा तो कमाया कितना?
हाकम और केंद्रपाल के गिरोह ने दो करोड़ रुपये में पेपर खरीदा। पूछताछ में सामने आया कि इन्होंने युवाओं को 12 से 15 लाख रुपये में पेपर बेचा। कितने युवाओं को पेपर बेचा गया, एसटीएफ अभी इसका पता लगा रही है। अब तक सौ से ज्यादा युवाओं के नाम सामने आए हैं। इससे समझा जा सकता है कि गैंग ने पेपर बेचकर करोड़ों रुपये कमाए।
उत्तराखंड में 2016 से काम कर रही कंपनी
आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस कंपनी उत्तराखंड में 2016 से काम कर रही है। वह अब तक 50 भर्तियों में शामिल रही है। यूपी और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में भी यही कंपनी काम करती है। इन तमाम राज्यों से एसटीएफ डाटा मंगवा रही है।