( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने शनिवार को कि वहां चलते समय मोबाइल फोन्स का इस्तेमाल किया जा सकता है,लेकिन केवल रूट्स नैविगेशन के लिए होना चाहिए ,साथ वहां चलने वाले को यह ध्यान देना होगा कि इस दौरान ड्राइविंग से उसका ध्यान ना भटके .मंत्रालय ने साफ किया है कि ड्राइविंग के दौरान फोन पर बात करते हुए पकड़े जाने पर 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक जुरमाना भी लग सकता है।मंत्रालय ने कहा कि उसने केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत वाहन संबंधी जरूरी डॉक्युमेंट्स जैसे – लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन डॉक्युमेंट्स, फिटनेस सर्टिफिकेट, परमिट्स आदि को सरकार द्वारा संचालित वेब पोर्टल के माध्यम से मेंटेन किया जा सकेगा। इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल के जरिए कमंपाउंडिंग, इम्पाउंडिंग, एंडॉर्समेंट, लाइसेंस का सस्पेंशन व रिवोकेशन, रजिस्ट्रेशन और ई-चालान जारी करने आदि का काम भी हो सकेगा।
1 अक्टूबर से लागे होंगे नये नियम
मोटर वाहन (संशोधन) कानून के तहत इन नियमों को 1 अक्टूबर से लागू कर दिया जाएगा। पिछले साल ही केंद्र सरकार ने इस कानून में कई संशोधन को लागू किया था, जिसमें परिवहन नियम से लेकर सड़क सुरक्षा आदि शामिल थे। इन नियमों के उल्लंघन करने पर मोटे जुर्माने का प्रावधान किया गया था. साथ ही, भ्रष्टाचार को कम करने के लिए टेक्नोलॉजी को भी अपग्रेड किया गया था।
मंत्रालय की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘आईटी सर्विसेज के इस्तेमाल और इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग से देश में ट्रैफिक नियमों को पालन कराने में मदद मिलेगी। इससे ड्राइवर्स का उत्पीड़न या परेशान करने के मामले कम होंगे। ‘
ड्राइवर के व्यवहार पर होगी नज़र
पोर्टल पर निरस्त किए गया या डिसक्वॉलिफाईड ड्राईविंग लाइसेंस का क्रमानुसार रिकॉर्ड रखा जाएगा। इससे अथॉरिटीज को ड्राइवर के व्यवहार को मॉनिटर करने में मदद मिलेगी। नियमों के मुताबिक, अगर किसी वाहन संबंधी डॉक्युमेंट्स को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से वेरिफाई कर दिया गया है तो पुलिस अधिकारी इसके फिजिकल कॉपी नहीं मांग सकेंगे। इसमें वो मामले भी शामिल होंगे, जहां ड्राईवर ने कोई उल्लंघन किया है, जिसमें किसी डॉक्युमेंट को ज़ब्त किया जाना है।
इस तरह की ज़ब्ती को पोर्टल पर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किया जाएगा। इसके बाद इस डॉक्युमेंट के विवरण को क्रमानुसार रिकॉर्ड किया जाएगा। इस तरह के रिकॉर्ड नियमित अंतराल पर पोर्टल पर दर्शाए जाएंगे।
यह भी कहा गया कि किसी डॉक्युमेंट की मांग करने या जांच करने के बाद तारीख और जांच का टाइम स्टैम्प व यूनिफॉर्म में पुलिस अधिकारी की पहचान पत्र का रिकॉर्ड भी पोर्टल पर ही मेंटेन किया जाएगा। इसमें राज्यों द्वारा अधिकृत अधिकारियों के विवरण भी शामिल होंगे। इससे वाहनों की बेवजह चेकिंग या जांच करने का बोझ कम होगा और ड्राईवरों को भी परेशान नहीं होना पड़ेगा।