Dharm Haridwar Medical Slider Uttarakhand

कोविड-19 में मासिक धर्म स्वच्छता के साथ स्वास्थ्य और पोषण पर विशेष ध्यान दें महिलाएं। आखिर किसने और क्यों कहां ? जाने  

Spread the love

* महिलाओं में माहवारी सम्बंधी दिक्कतें पैदा कर रही कोरोना महामारीः डा.ऋतू शर्मा 

( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

हरिद्वार। पूरी दुनिया बेहद संक्रामक कोविड-19 वायरस के खतरे से जूझ रही है। इससे बचने के लिए साफ-सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग अपनाना ही बेस्ट है। पर्सनल हाइजीन को बनाए रखने के लिए बार-बार हाथों को साबुन से धोने की सलाह दी जाती है। घर के अंदर रहने के अलावा संतुलित आहार और व्यायाम करने की सलाह दी जा रही है। इससे शरीर को बीमारियों से लड़ने में आसानी होगी, लेकिन पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर और भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

अनन्या मैटरनिटी एवं मेडिकल सेंटर  की प्रसूति एंव स्त्री रोग विश्ेाषज्ञ डाॅ0 ऋडाॅतू शर्मा नें बताया कि महावारी के दौरान महिलाओं में बीमारियों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है। ऐसे में उनमें इंफेक्शन की सम्भावना भी बढ़ जाती है। इसलिए, कोविड-19 में मासिक धर्म स्वच्छता के साथ स्वास्थ्य और पोषण पर ध्यान दें। अक्सर महिलाएं परिवार की देखभाल के चक्कर में खुद की देखभाल करना भूल जाती हैं।मासिक धर्म कोई अपराध नहीं बल्कि एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। जिस पर घर और समाज में खुलकर बात की जाए तो इस दैरान स्वच्छता के महत्व को भी समझा जा सकता है। जिसके लिए हमें एक माहौल बनाना होगा और पुरानी परंपरागत सोच को बदलना होगा। यह स्वच्छता महिलाओं को रखेगी स्वस्थ और देगी विश्वास आगे बढनें का, कभी नहीं रुकनें का, और डर को जड़ से खत्म कर देने का।

डाॅ0 ऋडाॅतू शर्मा नें बताया कि 28 मई को पूरी दुनिया में मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। 2014 में जर्मनी के वॉश यूनाइटेड नें इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य था लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता रखने के लिए जागरूक करना था। तारीख 28 इसलिए चुनी गई, क्योंकि आमतौर पर महिलाओं के मासिक धर्म 28 दिनों के भीतर आते हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी के दौरान यह संभव है कि लोग पहले से कहीं ज्यादा तनाव महसूस कर रहे हैं। भले ही उन्हें इस बात का एहसास न हो। यह लगातार होने वाला तनाव शरीर में अजीब तरह की समस्या पैदा कर सकता है।डाॅ0 ऋडाॅतू शर्मा नें बताया कि महिलाओं के लिए तो यह महामारी और भी चिंता पैदा करती है, क्योंकि इससे उनके मासिक धर्म का चक्र यानी पीरियड साइकल बिगड़ सकता है। तनाव हमारे हार्मोनल मार्ग को सक्रिय करता है जो कोर्टिसोल की रिलीज को बढ़ावा देता है, जिसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अधिक तनाव के समय शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है। कोर्टिसोल का ज्यादा रिलीज होना प्रजनन हार्मोन के सामान्य स्तर को दबा सकता है। इससे असामान्य ओव्यूलेशन होता है जो पीरियड साइकल को बाधित कर सकता है। डाॅ0 ऋडाॅतू शर्मा नें बताया कि पीरियड्स का कभी-कभी न आना यानी एमेनोरिया तब होता है जब कोई दर्दनाक घटना सामने आती है। दैनिक जीवन का तनाव यह भी प्रभावित कर सकता है कि महिला का पीरियड साइकल कितने समय तक चलता है। हालांकि और भी कारक हैं जो इसका कारण बनते हैं। जीवनशैली भी पीरियड्स बंद होने का कारण हो सकती है। इसमें अत्यधिक तनाव के कारण पीरियड साइकल को नियमित करने वाले दिमागी हिस्से पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इससे ओवुलेशन और पीरियड्स बंद हो जाते हैं। डिसमेनोरिया भी उच्च तनाव की स्थितियों से जुड़ा है। इसमें पीरियड्स के दौरान गर्भाशय में असहनीय पीड़ा होती है। जो लोग पहले से ही पीरियड का दर्द का अनुभव करते हैं, उनके इस तरह से प्रभावित होने की आशंका अधिक होती है।

news1 hindustan
अब आपका अपना लोकप्रिय चैनल Youtube सहित इन प्लेट फार्म जैसे * jio TV * jio Fibre * Daily hunt * Rock tv * Vi Tv * E- Baba Tv * Shemaroo Tv * Jaguar Ott * Rock Play * Fast way * GTPL केबल नेटवर्क *Top Ten खबरों के साथ देखते रहे News 1 Hindustan* MIB ( Ministry of information & Broadcasting, Government of India) Membership
http://news1hindustan.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *