( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। कहावत है भगवान के आगे सबकुछ फेल है। जी हाँ , कमोवेश स्थिति आज हरिद्वार की यही हो रही है।भोले की फैज के आगे सारे नियम कानून हुए धड़ाम हो गए। जिलाधिकारी हरिद्वार रविवार को खुद जाम में फसने के बाद मोटरसाइकिल से यात्रा का निरिक्षण किया। हालत यह है कि रविवार से ही डाक और बाइक सवार कांवड़ियों की भीड़ के आगे यातायात पुलिस के प्लान की धज्जियां उड़ गईं। कांवड़ यात्रा को लेकर यातायात पुलिस के अधिकारी बड़े-बड़े वायदे कर रहे थे, लेकिन शनिवार के बाद रविवार को भी हाईवे पर लगे छह किमी के जाम को खुलवाने में पुलिसकर्मी पसीना-पसीना हो गए। वे घंटों तक भी जाम नहीं खुलवाए पाए।
शनिवार को जहां दिल्ली-दून हाईवे पर घंटों तक जाम लगा रहा। वहीं रविवार को शंकराचार्य चौक से लेकर शांतिकुंज तक हाईवे पर भारी जाम लग गया। हाईवे पर जाम लगते ही कांवड़ियों का शहर के अंदर पहुंचना शुरू हो गया। इसके बाद ऋषिकुल पर बैरिकेडिंग लगाकर कांवड़ियों को ऋषिकुल हाईवे पर भेजा गया, जबकि दावा किया जा रहा था कि डाक व बाइक सवार कांवड़िए शहर के अंदर नहीं आएंगे लेकिन रविवार को पूरी तरह से शहर में यातायात व्यवस्था का संचालन बिगड़ गया।खबर लिखे जाने तक शहर के अंदुरुनी हिस्सों में कुछ स्थिति नियंत्रण में थी। पर लबोलबाब वही था।
रविवार को जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय रोजाना की तरह हरकी पैड़ी और मेला क्षेत्र का निरीक्षण करने निकले थे। डामकोठी से आगे जाम में उनका वाहन और लाव लश्कर नहीं जा सका। उन्होंने डामकोठी में कांवड़ियों को प्रसाद बांटा और बाइक के पीछे बैठकर कांवड़ की व्यवस्थाओं का जायजा लेने निकले।
जिलाधिकारी ने कहा कि डाक कांवड़ियों का अधिक दबाव होने से हाईइवे और संपर्क मार्ग पैक हो गए। शहर के अंदरूनी इलाकों में स्थिति सामान्य है। जिससे स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिली है। हिल बाईपास खुलने से बड़ी राहत मिली है।
डाक कांवड़ यात्रा के चरम पर पहुंचने पर धर्मनगरी में कांवड़ यात्रियों के वाहनों का शोर जोरों से सुनाई पड़ रहा है। बिना साइलेंसर वाले वाहन और प्रेशर हॉर्न हाईवे से गली और मोहल्लों में रहने वाले लोगों के कान फोड़ रहे हैं। इससे धर्मनगरी के लोगों की रात की नींद उड़ी हुई है।
14 जुलाई से शुरू हुई कांवड़ यात्रा में पहले चरण में पैदल कांवड़ यात्रियों का कारवां हरकी पैड़ी से जल भरकर अपने गंतव्य की ओर से निकलने लगा था। कांवड़ पटरी मार्ग से चलने वाली पैदल कांवड़ यात्रा से शहर के लोगों को अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा था। इससे हाईवे से बाहरी प्रदेशों के लोगों को आने-जाने में भी राहत मिली हुई थी।
भोले की फौज के सामने नियम कानून धड़ाम
आंतरिक संपर्क मार्गों से स्थानीय लोग भी अपने प्रतिष्ठानों और काम धंधों पर जा पा रहे थे लेकिन दो दिन पहले से शुरू हुई डाक कांवड़ के चलते शहर की यातायात व्यवस्था बिगड़ने लगी थी। रविवार को तो डाक कांवड़ियों का रेला हाईवे से लेकर शहर के संपर्क मार्गों पर देखने को मिल रहा है। इससे हाईवे से लेकर शहर की सड़कों पर कांवड़ यात्रियों का जन सैलाब नजर आ रहा है। डाक कांवड़ियों के बिना साइलेंसर वाले दोपहिया वाहन हाईवे से लेकर शहर के संपर्क मार्गों और गली-मोहल्लों में घुसे जा रहे हैं।
वहीं, भोले की फौज के सामने नियम कानून धड़ाम हो गए हैं। लाइसेंस और हेलमेट तो दूर बिना साइलेंसर की बाइकें सड़कों पर फर्राटा भर रही हैं। चौपहिया वाहनों में ओवर लोडिंग हो रही है। हर तरफ जाम है। आम दिनों में पुलिस और सीपीयू की ओर से हाईवे से लेकर शहर के संपर्क मार्गों पर नाकेबंदी करके वाहनों की चेकिंग चलाई जाती है। इन दिनों कोई देखने वाला नहीं है।